खुलासा- साजिश के तहत 14 दिसंबर को करना था संसद में हंगामा

संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों की साजिश संसद हमले की बरसी वाले दिन 13 दिसंबर को हंगामा करने की नहीं थी। वे 14 दिसंबर को हंगामा करना चाहते थे, मगर संसद के अंदर जाने का पास 13 दिसंबर का मिल गया। इससे बरसी वाले दिन ही आरोपियों ने संसद के अंदर व बाहर हंगामा किया। इन्हें उम्मीद थी कि पास 14 दिसंबर को मिलेंगे, क्योंकि सांसद के पीए ने इसी तारीख का वादा किया था।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आरोपियों से पूछताछ के बाद जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें कहा गया है कि 10 दिसंबर की रात सागर, नीलम और अमोल गुरुग्राम में विशाल उर्फ विक्की (मनोरंजन का दोस्त) के घर पहुंचे। देर रात ललित झा आया और अगली सुबह मनोरंजन फ्लाइट से आया था। संसद में प्रवेश के लिए पास की व्यवस्था करने के लिए तीन रात और दो दिन गुरुग्राम में रुके। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि 13 दिसंबर को विजिटर पास लेने के लिए गुरुग्राम से दिल्ली रवाना हुए। सागर ने उसी दिन सुबह 9 बजे सांसद के पीए से 18, महादेव रोड पर पास एकत्र किए और लगभग 10 बजे सदर बाजार पहुंचा।

वहां से दो तिरंगे खरीदे। इसके बाद वह अन्य आरोपियों से मिलने इंडिया गेट वापस पहुंचा। नीलम, मनोरंजन, ललित और अमोल शिंदे गुरुग्राम से कैब से आए। इंडिया गेट पर इनकी सागर से मुलाकात हुई। सभी ने यहां आधे घंटे तक मीटिंग की। तय हुआ कि सागर और मनोरंजन स्मोक केन लेकर संसद में प्रवेश करेंगे। इनको पीले व लाल रंग का एक-एक स्मोक केन दिया, जिसे जूतों के नीचे बनाई जगह में छिपा लिया। वहीं नीलम, अमोल और ललित झा ने संसद के बाहर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों ने स्मोक केन को जलाने के साथ जूतों से पर्चे भी निकालकर फेंके थे। 

सामाजिक मुद्दे उठाने के दावों की जांच कर रही पुलिस
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों की मुलाकात सोशल मीडिया फेसबुक भगत सिंह फैन पेज से हुई थी। आरोपियों ने दावा किया कि वे करीब डेढ़ साल पहले सामाजिक मुद्दों को एकल माध्यम से उठाने के लिए मैसूरू में मिले थे। पुलिस इनके इस दावे की सच्चाई का पता कर रही है।

पिता बोले-सागर ने गलती की है तो सजा भी मिले
संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने के मुख्य आरोपी लखनऊ के सागर शर्मा ने यूपी रोडवेज की बस से लखनऊ से अपना आधार कार्ड मंगवाया था। उसके पारिवारिक मित्र अंश ने बस ड्राइवर के माध्यम से आधार कार्ड भेजा था। दिल्ली पुलिस सागर के दोस्त अंश से पूछताछ करने की तैयारी में है। 

जांच एजेंसियां शुक्रवार को सागर के घर फिर पहुंचीं। परिजनों में एक-एक कर सभी से सागर के व्यवहार, उसके दोस्तों के नाम आदि की जानकारी ली। सागर कब से डायरी लिख रहा था? उसके बारे में उनको जानकारी है या नहीं? उन्होंने ये डायरी कभी पढ़ी या नहीं? मोबाइल पर किस तरह के वीडियो देखता था? ऐसे तमाम सवाल उनसे पूछे। उसके कमरे को खंगाला। कई और किताबें और जूते बरामद कर साथ ले गई। वहीं, पिता रोशनलाल ने पुलिस से कहा िक अगर बेटे ने गलती की है, तो उसे भी सजा मिलनी चाहिए। जो मुख्य आरोपी है, वह भी पकड़ा जाए। मैंने सागर से कहा कि मनोरंजन से दूर रहा कर, तो उसने कहा कि वो भैया बहुत अच्छे हैं। 

जर्मन तानाशाह हिटलर से प्रभावित
सागर जर्मनी के तानाशाह हिटलर से काफी प्रभावित है। जासूसी कहानियां पढ़ने का शौकीन है। सागर के कमरे से अडोल्फ हिटलर की मेरा संघर्ष, शरलॉक होम्स, जासूसी की रोचक और रोमांचक दुनिया जैसी कई किताबें बरामद हुईं। सागर के पिता रोशनलाल ने बताया कि बंगलूरू के दोस्त के बारे में उनको जानकारी थी। सागर अक्सर उसकी तारीफ करता था। उन्होंने बताया कि जो किताबें हैं वह उसी दोस्त ने सागर को पढ़ने के लिए दी थीं। वह दोस्त कोई और नहीं बल्कि मनोरंजन डी है, जो साथ में संसद के भीतर दाखिल हुआ था। वह कुछ ऐसा करना चाहता था, जिससे वह पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींच सके।

नीलम के घर पर जांच एजेंसी ने दी दबिश
जांच एजेंसियों ने एक अन्य आरोपी जींद के घसो खुर्द गांव निवासी नीलम के घर पर बृहस्पतिवार देर रात दबिश दी। नीलम की मां सरस्वती ने बताया कि मकान के ऊपर वाले जिस कमरे में नीलम रहती थी, उसकी तलाशी ली और अन्य कमरों को भी खंगाला। वे यहां से कोई सामान अपने साथ नहीं ले गए। 

  • गांव के सरपंच सोनू ने कहा कि नीलम होनहार लड़की है, जो गांव की लाइब्रेरी में बच्चों को पढ़ाती थी। उसने इस तरह का कदम क्यों उठाया, इस बारे वह लोग नहीं जानते। उसे मंच पर बोलना पसंद था। बेरोजगारी के खिलाफ वह अक्सर बोलती रहती थी।

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