टोरंटो में चीनी वाणिज्य दूतावास के बाहर कम्युनिस्ट चीनी शासन के खिलाफ रविवार को अलग-अलग बैकग्राउंड से आए सौ से अधिक टोरॉन्टोनियों ने विरोध प्रदर्शन किया। चीने के खिलाफ बोलते हुए प्रदर्शनकारियों ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से तिब्बत और हांगकांग को मुक्त करने का आग्रह किया और लद्दाख में चीनी आक्रमण का भी विरोध किया। उन्होंने कनाडा सरकार से कनाडा में चीनी सामानों का बहिष्कार करने का भी आग्रह किया। उन्होंने दो कनाडाई लोगों को रिहा करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदायों से हस्तक्षेप करने को कहा, जिन्हें चीन सरकार ने बंधक बना रखा है।
उन्होंने उइगरों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ भी आवाज उठाई। ईरान की तरफ से चीन को बेचने से ईरानी शासन के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने आवाज उठाई। इस विरोध प्रदर्शन में तिब्बती और वियतनामी प्रवासी भी शामिल हुए। सभी प्रदर्शनकारियों ने कनाडा सरकार से चीन में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर प्रतिबंध लगाए जाने की आवाज को बुलंद करने की मांग की।
बता दें कि लद्दाख में चीनी आक्रमण का विरोध करने के लिए बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी तिरंगा धारण किए इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे। 15 जून को लद्दाख की गलवन घाटी में चीनी PLA के साथ गतिरोध में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। इस दौरान चीनी सैनिक भी मारे गए। हालांकि, चीनी शासन ने मरने वालों की संख्या बाहर नहीं की।