खरमास के महीने में हमें अधिक से अधिक भजन-कीर्तन और संतसंग करने चाहिए: धर्म

आज 14 मार्च, से खरमास की शुरुआत हो रही है। सूर्य देव के मीन राशि में प्रवेश करते ही खरमास या मलमास प्रारंभ हो जाता है, इस बार यह 14 मार्च से प्रारंभ होकर 13 अप्रैल तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास के प्रारंभ होते ही शुभ कार्य वर्जित होते हैं।

इस माह किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। एक माह यानी 14 मार्च से 13 अप्रैल विवाह व अन्य मंगल कार्य नहीं किए जाएंगे। विवाह, जनेऊ संस्कार और गृह प्रवेश, आदि सभी तरह के मांगलिक कार्य इस माह में नहीं किए जाएंगे।

इस माह में भजन-कीर्तन और संतसंग करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस माह पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। इस महीने में हमें अधिक से अधिक भजन करने चाहिए। भगवान का सुमिरन करते रहने से जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाते हैं।

खरमास में मांगलिक कार्यों पर तो रोक होती है परंतु इस माह में भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। भगवान विष्णु की पूजा से सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

14 मार्च से 13 अप्रैल, खरमास के दाैरान सूर्य देव की पूजा करने से विशेष लाभ होता है। इस महीने सूर्य देव को जल चढ़ाने से आरोग्यता मिलती है।

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