खतरे में थी भारत के बड़े नेताओं की जान, मौलवी की गिरफ्तारी से खुला मामला

गुजरात पुलिस ने एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने का दावा किया है जो देशभर के प्रमुख राजनीतिक नेताओं को मारने की योजना बना रहा था। शुक्रवार को मीडिया से इस सफलता के बारे में जानकारी देते हुए सूरत पुलिस कमि‍श्‍नर अनुपम सिंह गहलोत ने कहा कि एक मौलवी को गिरफ्तार किया गया था उससे पूछताछ में यह जानकारी सामने आई। मौलवी का नाम सोहेल है।

गुजरात पुलिस ने एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने का दावा किया है, जो देशभर के प्रमुख राजनीतिक नेताओं को मारने की योजना बना रहा था।

शुक्रवार को मीडिया से इस सफलता के बारे में जानकारी देते हुए सूरत पुलिस कमि‍श्‍नर अनुपम सिंह गहलोत ने कहा कि एक मौलवी को गिरफ्तार किया गया था, उससे पूछताछ में यह जानकारी सामने आई। मौलवी का नाम सोहेल है।

मौलवी ने खोली आतंकी साजि‍श की प्लानिंग
उसने पूछताछ में आतंकी मॉड्यूल के बारे में और सुराग दिए। आयुक्त ने कहा कि केंद्रीय विशिष्ट आतंकवाद विरोधी एजेंसी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी मॉड्यूल की चल रही जांच में शामिल थी। कमिश्नर गहलोत ने शुक्रवार को एएनआई को बताया,

मई के पहले सप्ताह में, हमने सूरत जिले से सोहेल नाम के एक मौलवी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ करने पर उसने इस आतंकी मॉड्यूल के बारे में और जानकारी साझा की, जिससे वह जुड़ा हुआ था। हमने मौलवी के पास से दो मतदाता पहचान पत्र बरामद किए।

उन्होंने आगे खुलासा किया कि पुलिस ने उनके पास से दो जन्म प्रमाण पत्र भी जब्त किए हैं – इनमें से एक सूरत का है और दूसरा महाराष्ट्र के नवापुरा का है।

दूसरे आरोपी के पास नेपाल की नागरिकता
एक अन्य आरोपी व्यक्ति, मोहम्मद अली उर्फ ​​शहनाज़ को भी गिरफ्तार किया गया था। उसके बारे में आयुक्त ने कहा, उसने नेपाल से एक मोबाइल फोन सिम का इस्तेमाल किया था। उसके मोबाइल टावर लोकेशन ट्रैक करने पर लोकेशन मुजफ्फरपुर में मिली। वह पहले नेपाल में रहता था, जो एक ही मोबाइल हैंडसेट का इस्तेमाल करता था, लेकिन उसमें 17 स‍िम चलाता था।

पुलिस कमिश्नर ने खुलासा किया कि शहनाज के नाम पर 42 ईमेल आईडी भी थीं, जिसे उसने अपने लक्ष्यों को धमकी देने के लिए अपने कई सिम और ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया। उसके पास आधार कार्ड के अलावा नेपाली नागरिकता भी थी।

तीसरे आरोपी ने मोबाइल नष्‍ट किया
तीसरे आरोपी रज़ा को लेकर आयुक्त ने कहा कि उसने अपना मोबाइल नष्ट कर दिया था, लेकिन हम एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की मदद से कुछ जानकारी हासिल करने में कामयाब रहे। मॉड्यूल पर अधिक विवरण और डेटा इकट्ठा करने की प्रक्रिया में हैं। वह अपने हैंडलर डागर द्वारा मुहैया कराए गए पाकिस्तानी सिम कार्ड का इस्तेमाल करता था। आगे की जांच जारी है।

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