क्या सुलझेगा चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ का मामला? वार्ता केड्रैगन कर रहा है विचार

 चीन ने शुक्रवार को कहा कि वह शुल्क कम करने के लिए वार्ता संबंधी अमेरिकी प्रस्तावों पर विचार कर रहा है। उसके दरवाजे वार्ता के लिए खुले हैं, लेकिन यह तभी शुरू होगी जब वाशिंगटन पहले चीनी वस्तुओं पर से टैरिफ हटाएगा।

चीन ने जारी किया बयान

चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘अमेरिका ने हाल में कई बार संबंधित पक्षों के माध्यम से चीन को संदेश देने का प्रयास किया है और टैरिफ मुद्दों पर चीन के साथ बातचीत की इच्छा जाहिर की है इसलिए चीन इस पर विचार कर रहा है।’

मंत्रालय के प्रवक्ता ने बयान में कहा कि टैरिफ और ट्रेड वार की शुरुआत अमेरिका ने की थी। अगर अमेरिका बातचीत करना चाहता है, तो उसे गंभीरता दिखानी चाहिए, इसकी तैयारी करनी चाहिए और अपनी गलत प्रथाओं को सुधारने व एकतरफा टैरिफ हटाने जैसे मुद्दों पर ठोस कदम उठाने चाहिए।

जबर्दस्ती व ब्लैकमेल करने की कोशिश चीन के साथ नहीं चलेगी

अगर अमेरिका ऐसा नहीं करेगा तो यह पूरी तरह से गंभीरता की कमी को दर्शाएगा तथा आपसी विश्वास को और कमजोर करेगा। कथनी एवं करनी में फर्क और बातचीत का इस्तेमाल करके जबर्दस्ती व ब्लैकमेल करने की कोशिश चीन के साथ नहीं चलेगी।

चीन अलग-थलग पड़ा

गौरतलब है कि वर्तमान में चीन एकमात्र ऐसा देश है, जिस पर अमेरिकी टैरिफ लागू हुए हैं। अमेरिका ने भारत और यूरोपीय संघ सहित कई अन्य देशों के विरुद्ध पारस्परिक टैरिफ पर रोक लगा दी है। इससे चीन अलग-थलग पड़ गया है और उसने अमेरिका के साथ टैरिफ वार छेड़ दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी निर्यात पर 145 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। हालांकि बाद में व्हाइट हाउस ने कहा था कि चीनी वस्तुओं पर टैरिफ 245 प्रतिशत है। चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका से आयात पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाया है।

मोदी सख्त वार्ताकार, भारत के साथ व्यापार समझौता जल्द : वेंस

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘सख्त वार्ताकार’ बताने के साथ ही उम्मीद जताई है कि भारत पारस्परिक टैरिफ से बचने के लिए व्यापार समझौता करने वाले शुरुआती देशों में शामिल होगा। इसके साथ ही वेंस ने भारत पर लंबे समय तक व्यापार में अमेरिका का फायदा उठाने का आरोप भी लगाया।वेंस ने ‘फाक्स न्यूज’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि टैरिफ के मुद्दे पर भारत के साथ ‘अच्छी बातचीत चल रही है। प्रधानमंत्री मोदी एक सख्त वार्ताकार हैं, लेकिन हम उस रिश्ते को फिर से संतुलित करने जा रहे हैं। यही कारण है कि राष्ट्रपति इस समय यह सब कर रहे हैं।’

अमेरिकी प्रौद्योगिकी के लिए भारत के दरवाजे खोल देगा- वेंस

वेंस ने भारत के संदर्भ में कहा, ‘हमारे किसान बेहतरीन उत्पाद तैयार कर रहे हैं, लेकिन भारतीय बाजार अमेरिकी किसानों के लिए बंद है। मुझे लगता है कि भारत के साथ समझौता अमेरिकी प्रौद्योगिकी के लिए भारत के दरवाजे खोल देगा। यह भारत को अमेरिकी किसानों के लिए खोल देगा।’

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