और, ऐसा नहीं है कि हर कामयाब इंसान सुबह उठता है। बॉक्स कंपनी के सीईओ आरोन लेवी, बजफीड के सीईओ जोनाह पेरेटी, आयरलैंड के उपन्यासकार जेम्स जॉयस, अमरीकी लेखिका गर्ट्रूडे स्टेन, फ्रेंच उपन्यासकार गुस्ताव फ्लोबर्ट ये सब के सब देर तक सोया करते थे और रात में जागते रहते थे।
अब तक किसी भी रिसर्च से ये बात पक्के तौर पर साबित नहीं हो पाई है कि सुबह उठना कामयाबी का शर्तिया नुस्खा है। आपके शरीर के हॉरमोन अक्सर आपकी बॉडी क्लॉक के हिसाब से रिलीज होते हैं। आदत बदलने से हॉरमेन का तालमेल बिगड़ सकता है। क्योंकि रात में देर तक जागने वाला सुबह उठेगा, तो उसके शरीर को तो यही लगेगा कि वो सो रहा है। उसके हॉरमोन देर से रिलीज होंगे। इसका सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है।
लेकिन, तमाम देशों में देर तक सोने वालों को आलसी, कामचोर और बागी कहा जाता है। इसीलिए बहुत से लोग मजबूरी में सुबह उठने की कोशिश करते हैं। हां, सुबह उठने के कई फायदे जरूर हैं। आपको कुदरती रौशनी मिलती है। सूरज की रौशनी में रहने से आपके शरीर को विटामिन डी की भरपूर खुराक मिल जाती है। आप कई काम जल्दी निपटा लेते हैं।
लेकिन, अगर आपको देर तक सोने में ज्यादा मजा आता है, तो चादर तानिए और आराम से सो जाइए।