जिन लोगों को घूमने का शौक होता है वो घूमने का कोई ना कोई बहाना खोज ही लेते है. वैसे तो आजकल के बिजी समय में लोगों के पास घूमने का बिलकुल भी समय नहीं है और अगर लोगों को घूमने का मौका मिले तो लोग गर्मियों में पहाड़ो पर घूमने जाने का प्लान बनाते है.वैसे तो आपको घूमने जाने के लिए किसी भी खास दिन का इंतज़ार करने की जरूरत नहीं है. आपको बस अपने बिजी टाइम से समय निकालकर अपनी जेब ढीली करने की जरूरत है.
जब आप कही घूमने जाते है तो उस जगह की खूबसूरती में इतना खो जाते है कि वो घूमने वाला समय इतनी जल्दी खत्म हो जाता है आपको पता भी नहीं चलता. अगर आप भी कभी किसी जगह घूमने गए होंगे तो आपने देखा ही होगा की रोड़ के किनारे कई हरे भरे पेड़ होते है जो उस जगह की खूबसूरती में चार चाँद लगा देते है.
अगर आपका ध्यान कभी इन आकार में बड़े-बड़े पेड़ो पर गया होगा तो आपने देखा होगा इन पेड़ो के तनों पर सफ़ेद या लाल रंग से पुताई की गई होगी.आपके मन में यह ख्याल जरुर आता होगा की आखिर क्यों इन पेड़ो की खुबसूरती को ताक पर रखकर इन पेड़ो के तने पर रंगों की पुताई क्यों की गई है.
रोड़ के किनारे लगे हुए इन पेड़ो के तनों को सफ़ेद पेंट से इसलिए रंग दिया जाता है क्योंकि ऐसा माना गया है और देखा भी गया है कि ऐसा करने से जो पेड़ होता है उसके छालों को दरारों से काफी हद तक बचाया जा सकता है जिससे पेड़ की उम्र और लंबी हो जाती है. अगर यह दरारें पेड़ पर लग जाए तो कीड़ों और फंगस को अपनी जल्दी से अपनी ओर खिचती हैं. अगर आप किसी भी पेड़ के तने पर सफ़ेद रंग कर दे तो आप पेड़ को इस तरह के हमलों से हमेशा के लिए बचा सकते है और अगर पेड़ में कुछ नुकसान हुआ है, तो उसे लोगों की नजरों में भी किया लाया जा सकता है. भारत में ऐसी कुछ जगह भी है जहां इन पेड़ों पर सफ़ेद रंग का होना इस बात का सूचक है कि इन पेड़ो की देखभाल और रखरखाव खुद सरकार या वन प्रशासन करता है.
यह जरुरी नहीं है की सब जगह पर पेड़ पर किया गया रंग एक जैसा हो अलग-अलग स्थान के हिसाब से पेड़ों पर लगे रंग बदलाव भी किये जाते हैं. कुछ पेड़ों पर यह रंग सफ़ेद होता है, कुछ जगहों के पेड़ो पर नीला सफ़ेद या फ़िर लाल और सफ़ेद रंग को मिलाकर किया जाता है.लोगों को पहले तो समझ नहीं आता था की आखिर पेड़ो पर रंग क्यों किया जाता है पहले लोगों ने सरकार के ऐसा करने पर विवाद भी किया था पर धीरे-धीरे लोगों को सब समझ आ गया और फिर उन्होंने सरकार की इस कार्यवाही पर कोई प्रतिक्रिया नही दी.
इसके अलावा ऐसा करने से पेड़ो की छालों को भी सूरज से आने वाली सीधे-सीधे किरणों से बचाया जा सकता है. अगर आपने कभी ध्यान दिया होगा, तो हाइवे के सामने वाले पेड़ों को तो इसलिए सफ़ेद पेंट से रंग दिया जाता है, ताकि ये रात के समय अंधेरे में आने जाने वालो को नज़र आ सकें और पेड़ो से टकराकर कोई दुर्घटना ना हो सके.