रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंकों को सर्कुलर जारी करके कहा है कि स्याही के निशान वाले या हल्के फटे-सड़े-गले नोटों को लेने से मना न करें. बैंकों को एक सर्कुलर में केंद्रीय बैंक (Reserve Bank of India) ने कहा, ऐसे नोटों को ‘गंदे नोटों’ की श्रेणी में रखा जाए और इन नोटों को आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी के तहत रखा जाए. बैंकों से कहा गया है कि ऐसे नोंटो को वापस ग्राहकों को न दिया जाए या इन नोटों को लेने से मना न किया जाए. यह भी कहा गया है कि काउंटर पर प्राप्त किए गए इन नोटों को फिलहाल रिसाइकल न किया जाए.
यह स्टेटमेंट केंद्रीय बैंक ने शिकायतों के बाद जारी की. शिकायतें इस बात को लेकर थीं कि कई बैंक शाखाएं ऐसे नोटों को स्वीकार नहीं कर रही हैं जिन पर कुछ लिखा हो या फिर उन पर थोड़ा रंग आदि लगा हुआ हो या फिर वे धुल गए हों. दिसंबर 2013, में आरबीआई ने क्लीन नोट पॉलिसी के तहत बैंकों से कहा था कि वे किसी भी व्यक्ति से सड़े गले नोट लेकर साफ क्वॉलिटी के नोट उन्हें दे दें. सेंट्रल बैंक के पास करेंसी वेरिफिकेशन एंड प्रॉसेसिंग सिस्टम्स मशीनें हैं जोकि हाई स्पीड हैं. इन मशीनों के जरिए ऐसे नोटों पर काम किया जाता है. इनसे प्रति घंटे में 50,000-60,000 नोट हैंडल कर लिए जाते हैं.