क्या आपने कभी गौर से अपना कान देखा है. हो सकता है कि इसमें छेद हो. यह छेद इतना छोटा होता है कि संभव है कि आपका ध्यान कभी इस पर नहीं गया हो.
अगर आपको विश्वास नहीं है तो किसी और से अपने कान दिखाएं. आप पाएंगे कि शायद आपके कान के ऊपरी हिस्से में एक छोटा सा छेद नुमा निशान हो.
इसे प्रीऑरीकुलर साइनस कहते हैं. अधिकतर लोगों में यह छेद धीरे-धीरे गायब हो जाता है.
हालांकि कुछ नस्लों में यह दस फ़ीसदी लोगों के कानों में रह जाता है.
यह छेद जन्मजात होता है, जो कान के बाहरी हिस्से में दिखाई देता है.
कुछ अध्ययन के मुताबिक ये बाएं कान के मुकाबले दाएं कान में अधिक पाए जाते हैं.
दरअसल मां के पेट में जब भ्रूण का विकास सही तरीके से नहीं होता है तो यह छेद रह जाता है.
जीव वैज्ञानिक नील शुबिन ने बिजनेस इनसाइडर को बताया, “वास्तव में ये छेद मछली के गलफड़े का अवशेष हो सकते हैं.”