क्या अमिताभ का फिर जागा कांग्रेस प्रेम? ट्विटर पर फॉलो करने के क्या हैं मायने?

क्या अमिताभ का फिर जागा कांग्रेस प्रेम? ट्विटर पर फॉलो करने के क्या हैं मायने?

क्या सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का कांग्रेस को लेकर पुराना प्रेम फिर जाग गया है? नेहरू-गांधी परिवार से बच्चन परिवार के किसी जमाने में कितने आत्मीय संबंध रह चुके हैं, ये किसी से छुपा नहीं है. यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कहने पर अमिताभ ने 1984 में इलाहाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. हालांकि अमिताभ का फिर राजनीति से मोहभंग हो गया और धीरे-धीरे नेहरू-गांधी परिवार से भी उनकी दूरी बढ़ती चली गई.क्या अमिताभ का फिर जागा कांग्रेस प्रेम? ट्विटर पर फॉलो करने के क्या हैं मायने?

अब इतने बरस बीतने के बाद वेलेंटाइन डे वाले इस महीने यानि फरवरी में अचानक अमिताभ का क्या कांग्रेस के लिए लगाव फिर उमड़ आया है? ऐसे कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि इसी महीने में अमिताभ एक के बाद एक कांग्रेस नेताओं को ट्विटर पर लगातार फॉलो करते जा रहे हैं.

शुरुआत 2 फरवरी को हुई जब अमिताभ ने अचानक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ट्विटर पर फॉलो कर लिया. इसके बाद कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला को भी फॉलो किया. बिग बी यहीं नहीं रुके, एक हफ्ते बाद 9 फरवरी को कांग्रेस पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल को भी अमिताभ बच्चन ने फॉलो कर लिया.

हालांकि राहुल गांधी ने तो अब तक अमिताभ को ट्विटर पर फॉलो नहीं किया, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अपने ऑफिशियल हैंडल पर सीनियर बच्चन का शुक्रिया जता कर उन्हें फॉलो कर लिया.

बिग बी का ट्विटर के जरिए उमड़ा कांग्रेस प्रेम है कि थमने का नाम ही नहीं ले रहा. वे पी. चिदंबरम, कपिल सिब्बल, सीपी जोशी, अजय माकन, प्रियंका चतुर्वेदी, संजय झा जैसे कांग्रेस नेताओं को भी अपने ट्विटर हैंडल पर फॉलो कर चुके हैं. सिब्बल, चिदंबरम, जोशी जैसे ज़्यादातर वरिष्ठ नेताओं ने तो इस पर ज़्यादा तवज्जो नहीं दी, बाक़ी नेताओं ने बिग बी को अपने हैंडल पर फॉलो कर लिया.

मंगलवार सुबह सबसे दिलचस्प ये रहा कि बिग बी ने कांग्रेस के प्रवक्ता और पूर्व सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी को फॉलो किया तो मनीष ने फौरन बिग बी के हैंडल पर जाकर शुक्रिया कहा. साथ ही इसे अविश्वसनीय बताते हुए ये भी लिखा कि वे एक ज़माने में अमिताभ की फिल्म का ‘फर्स्ट डे फर्स्ट शो’ देखने के लिए 3 रूपये खर्च करते थे.

इस घटनाक्रम पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आज देश के जो हालात हैं, उससे हर कोई वाकिफ है. ऐसे में देश को बेहतरी के रास्ते पर लाने के लिए सबको एकजुट होना होगा. सीधे तौर पर तो किसी कांग्रेस नेता ने प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन कुछ ने दबी जुबान में कहा कि ये बदलती सियासी फिजा का नतीजा है वरना बिग बी चुनावी साल में ही ये क्यों करते. 

वहीं कुछ कांग्रेसी ये भी कहते हैं कि  पनामा पेपर्स हों या पैराडाइज, दोनों में बिग बी का नाम उछला है, ये भी याद रखना चाहिए. हाल में बिटकॉइन को लेकर भी बिग बी का नाम विवादों में आया था. तब तो नाम लिए बगैर कभी अमिताभ को बड़े भैया बोलने वाले अमर सिंह ने राज्यसभा में मामला उठा दिया था.

जहां तक बच्चन परिवार और नेहरू-गांधी परिवार के अतीत में रहे अच्छे संबंधों का सवाल है तो ये अमिताभ के बॉलिवुड में एंट्री से भी कई दशक पुराने हैं. देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने ही सरकारी कामकाज में हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए अमिताभ के पिता और प्रख्यात कवि डॉ हरिवंशराय बच्चन को इलाहाबाद से दिल्ली बुलाया था.

इंदिरा गांधी और अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन की दोस्ती तब से थी जब इंदिरा गाँधी की शादी भी नहीं हुई थी. राजीव गांधी और सोनिया गांधी की जब शादी नहीं हुई थी तब सोनिया ने इटली से आकर कुछ दिन बच्चन परिवार के साथ दिल्ली में बिताए थे. सोनिया के लिए किसी भारतीय परिवार के साथ दिन बिताने का वह पहला अनुभव था.

राजीव गांधी और अमिताभ इतने अच्छे दोस्त थे कि 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद लोकसभा चुनाव हुए तो राजीव ने अमिताभ से चुनाव लड़ने का आग्रह किया. अमिताभ अपने दोस्त का आग्रह टाल नहीं सके. इलाहाबाद लोकसभा सीट से अमिताभ ने चुनाव लड़ा और राजनीति के दिग्गज हेमवती नंदन बहुगुणा को पटखनी दी. लेकिन अमिताभ ने जल्दी ही राजनीति से तौबा कर ली और इलाहाबाद लोकसभा सीट से इस्तीफा भी दे दिया. दरअसल, बोफोर्स घोटाले को लेकर अमिताभ का नाम भी उछाला गया था. उस वक्त कांग्रेस से बगावत कर अलग राह चुनने वाले विश्वनाथ प्रताप सिंह ने आरोपों के घेरे में अमिताभ को भी लिया था.   

1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद अमिताभ दिल्ली में गांधी परिवार के साथ खड़े दिखाई दिए थे. 1997 में प्रियंका गांधी और राबर्ट वाड्रा की शादी के समारोह में भी अमिताभ मौजूद रहे. लेकिन फिर गांधी परिवार और बच्चन परिवार में खिंचाव बढ़ता चला गया. इसके बाद अमर सिंह के जरिए मुलायम सिंह के करीब आए. यहां तक कि अमिताभ की पत्नी जया बच्चन को समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा सांसद तक बना दिया.    

नरेंद्र मोदी के गुजरात के सीएम रहते हुए अमिताभ गुजरात पर्यटन के ब्रैंड अंबेसडर के नाते कई विज्ञापनों में भी काम करते नजर आए. लेकिन अब अचानक ट्विटर पर अमिताभ ने जिस तरह कांग्रेस नेताओं को फॉलो किया है, उसने कई तरह के कयासों को हवा देना शुरू कर दिया है.

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