कोहली को वैज्ञानिकों की सलाह- खाएं कड़कनाथ मुर्गा

भारतीय क्रिकेट टीम और कप्तान विराट कोहली को कृषि वैज्ञानिकों ने यह सलाह दी है कि वो मध्य प्रदेश के झाबुआ में पाए जाने वाला कड़कनाथ प्रजाति का मुर्गा अपनी डाइट में शामिल करें. क्योंकि कड़कनाथ चिकन में कॉलेस्ट्रोल और फैट दोनों कम होते हैं. दरअसल, कृषि विज्ञान केंद्र ने बोर्ड ऑफ क्रिकेट कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (BCCI) को एक पत्र लिखा है, जिसमें कड़कनाथ चिकन खाने का वैज्ञानिकों ने जिक्र किया है.

कृषि विज्ञान केंद्र ने लिखा है कि उन्हें यह मीडिया से पता लगा कि विराट कोहली और टीम के बाकी खिलाड़ी अपनी डाइट में ग्रील्ड चिकन लेते हैं. लेकिन अन्य चिकन में कॉलेस्ट्रोल और फैट की मात्रा ज्यादा होती है. इसलिए उन्हें तुरंत इसे खाना बंद कर देना चाहिए. इसकी जगह वो कड़कनाथ चिकन अपनी डाइट में शामिल करें. क्योंकि इसमें फैट कम और प्रोटीन, आयरन की मात्रा भरपूर होती है.

गौरतलब है कि कप्तान विराट कोहली ने कुछ दिनों पहले ही अपनी फिटनेस को लेकर यह खुलासा किया कि उन्होंने वीगन डाइट अपना ली है और नॉनवेज खाना छोड़ दिया है. कोहली नॉन वेज छोड़ कर साग सब्जियां अधिक से अधिक खा रहे हैं.

क्यों मशहूर है कड़कनाथ मुर्गा…

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के कई आदिवासी इलाकों में कड़कनाथ मुर्गे की सप्लाई होती है. इस मुर्गे का मांस चार सौ से पांच सौ रुपये प्रति किलो बिकता है. आमतौर पर ब्रायलर, कॉकरेल और अन्य चिकन जहां डेढ़ सौ से दो सौ रुपये प्रति किलो तक बिकता है. वहीं कड़कनाथ से होने वाली आमदनी काफी ज्यादा होती है. वास्तव में यह एक जंगली मुर्गा है, जो पूरी तरह से प्राकृतिक वातावरण में रहने से सामान्य मुर्गो की तुलना में भारी भरकम और आक्रामक होता है.

इसका खून का रंग भी सामन्यतः गाढ़ा लाल होता है. जबकि आम मुर्गे के खून का रंग लाल पाया जाता है. मालूम हो कि मध्यप्रदेश के झाबुआ में तो इसकी प्रजाति तक लुप्त होने लगी थी. नतीजतन सरकार ने इसके शिकार और खरीदी बिक्री पर पाबंदी तक लगाई थी. हालांकि, अब जाकर इस मुर्गे की सप्लाई की स्थिति सामान्य हो पाई है.

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