संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों के एक समूह ने कोविड-19 महामारी के दौरान क्यूबा, ईरान, सूडान, वेनेजुएला, सीरिया और यमन सहित अन्य देशों पर लगे प्रतिबंध हटाने या इनमें ढील देने का आग्रह किया है। इन यूएन विशेषज्ञों के मुताबिक इन देशों के लोग काफी मुश्किलों में है और उनको मदद पहुंचानी बेहद जरूरी है। ये तब ही संभ्व हो सकेगा जब इन प्रभावित देशों में स्थानीय समुदायों तक अहम राहत सामग्री पहुंचाना संभव हो सकेगा। इसके लिए प्रतिबंधों में ढील देना जरूरी है। इन विशेषज्ञों का यहां तक कहना है कि यहां पर लोग मर रहे हैं।

जिन देशों पर प्रतिबंध लगे हैं वहां लोगों के पास महामारी से बचाव के लिये रक्षात्मक औजार उपलब्ध नहीं है। इन्होंने एक बयान जारी कर कहा है कि प्रतिबंधों का सामना कर रहे देशों की सहायता के लिये जो मानवीय आधार पर जो छूट दी गई थी वह कारगर साबित नहीं हुई है। इसमें कहा गया है कि इन प्रतिबंधों की वजह से यहां के लोग अपने बुनियादी अधिकारों और मानवाधिकारों से वंचित हो गए हैं और उनकी मौत हो रही है। उन्हें बेहतर स्वास्थ्य, भोजन और जीवन का अधिकार हासिल नहीं हो पा रहा है। इन प्रतिबंधों की वजह से लोगों के पास पानी, साबुन, अस्पतालों में बिजली आपूर्ति, महत्वपूर्ण सामानों की ढुलाई के लिए ईंधन और भोजन समेत अन्य जरूरी वस्तुओं की किल्लत महसूस की जा रही है।
आपको बता दें कि इस संबंध में अप्रैल 2020 में भी एक अपील जारी की गई थी जिसमें सभी प्रतिबंधों को हटाने की अपील की गई थी। यदि ऐसा हो जाता तो इन देशों में लोगों को जरूर मदद मिल सकती थी लेकिन ऐसा नहीं होने की वजह से यहां पर हालात जस के तस बने हुए हैं। यूएन विशेषज्ञों ने इन प्रतिबंधों को हटाने या इनके असर को कम करने की अपील की है जिससे लोगों तक दवाएं, मेडिकल उपकरण, भोजन और ईंधन पहुंचाया जा सकें। विशेषज्ञों ने उन सभी देशों, अंतरसरकारी संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों के प्रयासों का स्वागत किया है जिन्होंने प्रतिबंधों का सामना कर रहे देशों की कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मदद की है।
विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि मानवीय आधार पर प्रतिबंधों में छूट पाने की प्रक्रिया लंबी और खर्चीली भी है। उनकी राय में इसके बजाय यह मानकर छूट दिया जाना बेहतर है कि वास्तव में मानवीय जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से सहायता की जा रही है, और यह साबित करने का भार दूसरे पक्ष पर होना चाहिये कि ऐसा नहीं है। यूएन विशेषज्ञों के मुताबिक महामारी के दौरान मानवाधिकारों व आपसी एकजुटता सुनिश्चित करने की खातिर मानवीय राहत के वितरण के लिये लाइसेंस प्रदान किया जाना सबसे आसान तरीका है। उनका कहना है कि मानवीय सहायता के काम में जुटे व्यक्तियों व संगठनों पर किसी भी प्रकार के प्रतिबंध नहीं लगाए जाने चाहिये।
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