मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर), वक्फ बिल और भाजपा शासित राज्यों में बंगाल के प्रवासी श्रमिकों के कथित उत्पीडऩ के विरोध में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) द्वारा बुधवार को कोलकाता के धर्मतल्ला में आयोजित प्रदर्शन के दौरान पार्टी समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर हाथापाई व झड़प देखने को मिली।
15 आइएसएफ समर्थकों को हिरासत में ले लिया
इसके चलते पूरा इलाका कुछ देर तक रणक्षेत्र बना रहा। स्थिति संभालने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा। वहीं, बिना अनुमति धरना देने और मार्च निकालने के आरोप में पुलिस ने विधायक नौशाद सिद्दीकी सहित 15 आइएसएफ समर्थकों को हिरासत में ले लिया।
झड़प की शुरुआत उस वक्त हुई जब विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे आइएसएफ के एकमात्र विधायक नौशाद सिद्दीकी पर कथित तौर पर एक पुलिसकर्मी ने घूंसा मार दिया, जिससे विधायक जमीन पर गिर पड़े और घायल हो गए। इसके बाद उनके समर्थक आक्रोशित हो गए।
समर्थकों ने विरोध जताते हुए पुलिस से धक्का-मुक्की शुरू कर दी। इससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए न्यूनतम बल का प्रयोग किया गया।
अधिकारी ने दावा किया कि नौशाद सिद्दीकी के नेतृत्व में सैकड़ों आइएसएफ कार्यकर्ताओं ने मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड क्षेत्र में वाई चैनल पर प्रदर्शन किया, वाहनों की आवाजाही बाधित की और पुलिस के साथ हाथापाई की। इसके चलते विधायक और कई अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।
आइएसएफ विधायक ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की
वहीं, आइएसएफ विधायक ने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। हमने इसके लिए पुलिस से पूर्व अनुमति मांगी थी, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रशासन ने अनुमति नहीं देकर अपना दोहरा चेहरा दिखाया।
हमला करना बेहद शर्मनाक
उन्होंने आरोप लगाया कि लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने का हमारा अधिकार छीना जा रहा है। एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि पर पुलिस द्वारा सड़क पर इस तरह हमला करना बेहद शर्मनाक है। आइएसएफ ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए राज्य प्रशासन से पुलिस की कार्रवाई पर जवाब मांगा।
एक घंटे तक वाहनों की आवाजाही बाधित रही
कोलकाता पुलिस की उपायुक्त (मध्य) इंदिरा मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि व्यस्त मार्ग पर यातायात की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए हमें आइएसएफ द्वारा लगाए गए अवरोध को हटाने के वास्ते न्यूनतम बल प्रयोग करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है। प्रदर्शन के चलते क्षेत्र में लगभग एक घंटे तक वाहनों की आवाजाही बाधित रही।