चीन एक बार फिर से डराने लगा है. कोरोना की नई लहर की आशंका के चलते चीन ने पूरे एक प्रांत में लॉकडाउन घोषित कर दिया है. ऐसे में आशंका यह गहराने लगी है कि कहीं यह शहर 2021 में नया वुहान न साबित हो जाए. वुहान में ही कोरोना का पहला मामला सामने आया था, जिसके बाद उसने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. चीन ने मंगलवार को बीजिंग सीमा के पास हेबेई प्रांत के लैंगफेंग समेत तीन शहरों में सख्त लॉकडाउन घोषित कर दिया है.
इसका मतलब यह हुआ कि करीब 2 करोड़ की आबादी को अपने घरों में कैद कर दिया गया है. हेबेई प्रांत के उत्तरी हिस्से में कोरोना वायरस फिर से पांव पसारने लगा है, जिससे चीन घबरा गया है. ‘MEDIA की खबर के अनुसार इन तीनों शहरों की आबादी को एक हफ्ते के लिए होम क्वारंटीन में रहने को कहा गया है. इस दौरान बड़े पैमाने पर टेस्टिंग की जाएगी.
कोरोना वायरस अब ग्रामीण इलाके में फैल रहा है और किसानों को अपना शिकार बना रहा है. चीनी विशेषज्ञों को आशंका है कि संक्रमण की नई लहर गांवों में ज्यादा तबाही मचा सकती है. हेबेई प्रांत में 305 कोरोना के नए मामले मिले हैं, इनमें संक्रमित होने वाले 70 फीसदी किसान हैं. लैंगफेंग के अधिकार क्षेत्र में गुआन और सान्हे दो एसी काउंटी हैं, जो बीजिंग की सीमा से लगी हुई हैं.
लैंगफेंग के अलावा हेबेई प्रांत की राजधानी शिजियाजहाउंग और शिंगटाई में भी लॉकडाउन लगाया गया है. शिजियाजहाउंग की आबादी 1.1 करोड़ है जबकि शिंगटाई की जनसंख्या 70 लाख से ज्यादा है. इस पूरी आबादी को घर में कैद कर दिया गया है. बिना जरूरी काम के किसी को भी घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है. सरकारी मीडिया के मुताबिक सख्ती इतना ज्यादा कर दी गई है कि इन शहरों की तरफ आने वाले हाईवे को बंद कर दिया गया है.
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (NHC) के मुताबिक मंगलवार को कोरोना के 55 नए मामले दर्ज किए गए. इससे एक दिन पहले 103 मामले सामने आए थे. चीन की राजधानी बीजिंग से घिरे हेबेई प्रांत में 42 में से 40 सामुदायिक संक्रमण का शिकार हो चुके हैं.