राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान (National Institute of Immunology द्वारा विकसित किए जा रहे कोरोना के टीके (Coronavirus Vaccine) का चूहे पर प्रयोग के नतीजे उत्साहजनक मिले हैं। एनआइआइ के निदेशक अमूल्य पांडा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
एनआइआइ जैव प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आता है। संस्थान प्रोटीन आधारित वैक्सीन कैंडिडेट बना रहा है। पांडा ने कहा कि चूहे पर किए गए प्रतिरक्षाजनकता (इम्युनोजेनेसिटी) परीक्षण के नतीजे सकारात्मक आए हैं। टीका प्रतिरक्षा बढ़ाने के साथ ही वायरस को निष्कि्रय किया है और एंटीबॉडी विकसित की है।
भारत में विकसित की जा रही स्वदेशी वैक्सीन में एनआइआइ की वैक्सीन भी शामिल है। प्रतिरक्षाजनकता परीक्षण जुलाई में किया गया था। पांडा ने कहा कि चूहों पर अभी बड़े पैमाने पर परीक्षण किया जाना है, जिसके अगले हफ्ते शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस टीके का मानव के शरीर में वायरस को निष्कि्रय करने की क्षमता पता लगाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है।
स्वदेशी टीके के दूसरे चरण के ट्रायल शुरू
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषषद (आइसीएमआर) के सहयोग से भारत बायोटेक इंटरनेशनल द्वारा विकसित कोरोना के स्वदेशी कोवाक्सिन टीके के दूसरे चरण का ट्रायल शुरू हो गया है। देशभर के 12 चिकित्सा संस्थानों में करीब 750 लोगों को दूसरे चरण का पहला टीका दिया जा चुका है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 50 लोगों को टीका दिया गया है। अच्छी बात यह है कि अब तक किसी मरीज में कोई दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है।