कोरोना को लेकर दुनिया भर में हाहाकार मचने के बाद डब्ल्यूएचओ ने ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर रखी है। देश में भी वायरस का प्रसार बढ़ रहा है। ऐसे में गंभीर मरीजों को समयगत, सटीक इलाज मुहैया कराने के लिए रैपिड रिस्पांस (ट्रिपल आर) टीम तैयार की गई है। एक माह का विशेष प्रशिक्षण देकर यह टीम केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर विभाग में बनी है। इसमें शामिल स्टाफ क्विक रिस्पांस देने में सक्षम है। ऐसे में इसे ‘कमांडो’ नाम भी दिया गया है।
केजीएमयू के शताब्दी भवन-फेज-टू स्थित पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में पत्रकार वार्ता की गई। इस दौरान विभागाध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने कहा कि कोरोना वायरस अपर रेस्परेटरी सिस्टम के साथ-साथ लोअर रेस्परेटरी सिस्टम दोनों पर अटैक कर रहा है। अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बन गए हैं। इनमें वेंटिलेटर भी लगा दिए गए हैं। ऐसे में गंभीर मरीजों को समयगत, सटीक इलाज मुहैया कराने के लिए विशेष टीम तैयार की गई। फरवरी भर डॉक्टर, नर्स व अन्य स्टाफ का प्रशिक्षण कराया गया। यह टीम इमरजेंसी पडऩे पर ऑन द स्पॉट रेस्क्यू करने में भी सक्षम है। साथ ही वेंटिलेटर पर शिफ्ट होने वाले मरीजों के ट्रीटमेंट व रिकवरी पर क्विक एक्शन ले सकेंगे।
मरीजों के रिस्क फैक्टर पर स्टडी
डॉ. वेद प्रकाश के मुताबिक कई देशों में कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। पहले इनके लक्षण, संक्रमण के दौरान होने वाली दिक्कतों की ऑनलाइन स्टडी की गई। उसका ब्योरा जुटाकर मैनेजमेंट का प्रोटोकॉल तैयार किया गया। ऐसे में वेंटिलेटर पर जाने वाले मरीजों के रिकवरी के लिए समयगत कदम उठाए जा सकेंगे।
टीम का क्या होगा वर्क
डॉ. वेद प्रकाश के मुताबिक यह रैपिड रिस्पांस रेस्क्यू टीम है। सरकार के आदेश पर राजधानी या प्रदेश की किसी भी अस्पताल में इमरजेंसी में इन्हें भेजा जा सकेगा। वहां के स्टाफ को क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट को टिप्स दे सकेंगे। साथ ही मरीज के इलाज में मदद कर वापस आ जाएंगे। इसके अलावा राजधानी के बलरामपुर, सिविल, लोकबंधु या अन्य अस्पताल में वेंटिलेटर पर पहुंचे मरीज को ऑन द स्पॉट रेस्क्यू व इलाज मुहैया कराने में मदद करेगी।
क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट ट्रेनिंग सेंटर बनेगा
डॉ. वेद प्रकाश के मुताबिक विभाग को क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट ट्रेनिंग सेंटर के तौर पर स्थापित किया जाएगा। यह देश का मॉडल सेंटर बनेगा। बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टर, स्टाफ की वेंटिलेटर व पेशेंट मैंनेजमेंट की ट्रेनिंग शुरू हो गई है। ऐसे में अन्य इच्छुक सरकारी अस्पताल भी स्टाफ को क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट की ट्रेनिंग ले सकते हैं।
इलाज की कहां है व्यवस्था
केजीएमयू में 12 बेड का आइसोलेशन वार्ड न्यूरोलॉजी विभाग के सामने बनाया गया है। इसमें एक वेंटिलेटर है। लोहिया संस्थान में आठ बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। इसमें दो बेडों पर वेंटिलेटर लगा दिया गया है। बलरामपुर अस्पताल में 23 बेड का आइसोलेशन वार्ड व दो वेंटिलेटर लगाए गए हैं। इसके अलावा सिविल व लोकबंधु अस्पताल में वार्ड बनाए गए हैं। लोकबंधु अस्पताल में पांच वेंटिलेटर हैं। मगर, अभी वार्ड में लगे नहीं हैं। ऐसे ही पीजीआइ समेत 71 से अधिक बेड रिजर्व किए गए हैं।