कर्नाटक सरकार ने कोरोना वायरस की महामारी से लड़ने के लिए छह उत्पादों को लॉन्ट किया है। राज्य के उप मुख्यमंत्री सीएन अश्वत्तनारायण ने मंगलवार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की मंजूरी के बाद स्टार्टअप द्वारा बनाए गए इन उत्पादों को मंजूरी दे दी है।
जिसमें शील्डेक्स 24 (Shieldex 24), फ्लोरेसेंस प्रोब्स एंड पीसीआर मिक्स (Florescence probes and PCR mix), दक्ष (Daksh), वीटीएम (VTM), कोव-अस्त्रा (Cov-Astra ) और एंटी-माइक्रोबियल फेस वॉश (Anti-microbial face wash) शामिल है।
स्टेरिलाइजेशन सिस्टम है शील्डेक्स 24
रवि कुमार द्वारा बायोफी मेडिकल हेल्थकेयर में विकसित शील्डेक्स 24 (Shieldex 24) एक स्टेरिलाइजेशन सिस्टम। यह वस्तुओं पर स्थित वायरस को खत्म करने में मदद कर सकता है और परिवहन उद्योग के लिए उपयोगी है।
आरटी-पीसीआर डिटेक्शन के लिए जरूरी
वीएनआइआर के गोविंदराजन और मेहर प्रकाश ने आरटी-पीसीआर डिटेक्शन के लिए फ्लोरेसेंस प्रोब एंड पीसीआर मिक्स (Florescence probes and PCR mix) को विकसित किया है। ये जांच कोरोना वायरस के परीक्षण किट का हिस्सा हैं, जिन्हें वर्तमान में आयात किया जा रहा है। इन जांचों के बिना वायरस का पता लगाना संभव नहीं है।
भ्रूणों की निगरानी में मददगार
इसी प्रकार जनित्री के अरुण अग्रवाल ने एक दक्ष (Daksh) को विकसित किया है, जिसका उपयोग कोरोना वायरस से संक्रमित गर्भवती महिलाओं के उपचार में किया जाता है। दक्ष भ्रूणों की निगरानी में मदद करता है।
सैंपल कलेक्शन को लिए उपयोगी
डेनो बायो लैब के मंजूनाथ और दिनेश ने वीटीएम (VTM) विकसित किया है जो सैंपल कलेक्शन सेंटर से वायरस के जीवीत नमूनों को लैब में सुरक्षित रूप से ले जाने में मदद करता है।
एक्स-रे के माध्यम से कोरोना टेस्ट
कोव-अस्त्रा (Cov-Astra) एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित उपकरण है, जो एक्स-रे के माध्यम से कोरोना वायरस का पता लगा सकता है। वायरस की जांच के लिए पारंपरिक तौर पर गले से स्वाब का सैंपल लिया जाता हैं। आदर्श नरराजन द्वारा विकसित कोव-अस्त्रा प्रति व्यक्ति 150 से 250 रुपये की काफी कम कीमत पर वायरस का पता लगाने में मदद कर सकता है।
एंटी-माइक्रोबियल फेस वाश
अट्रिम्ड के लाथा दमले और टीम ने एक एंटी-माइक्रोबियल फेस वाश (Anti-microbial face wash) विकसित किया है, जिसमें हर्बल एंटी-माइक्रोबियल होते हैं, जो चेहरे पर वायरस को कुछ ही सेकंड में मार सकते हैं।
‘आत्मानिर्भर भारत’ मिशन की झलक
अश्वत्तनारायण ने कहा कि स्थानीय स्तर पर उत्पादों के विकास की यह पहल हमारे प्रधानमंत्री के ‘आत्मानिर्भर’ भारत मिशन के अनुरूप है। हमें इस बात पर गर्व करना चाहिए कि हम स्थानीय स्तर पर उत्पादन करने के इस स्तर पर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि ये उत्पाद बेहतर गुणवत्ता वाले हैं और देश भर में कोरोना वायरस से निपटने में योगदान देंगे। इन छह उत्पादों को तत्काल प्रभाव से बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा और राज्य सरकार उन्हें बढ़ावा देगी।