चीन में 20,438 लोगों को अपनी चपेट में लेने वाला कोरोना वायरस कहांं से आया इसको लेकर पहले ही खुलासा हो चुका है। अब तक इस वायरस की वजह से अकेले चीन में ही 425 लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं। वहीं दुनिया में करीब दो दर्जन से अधिक देश इसकी चपेट में हैं। कुछ समय पहले पूरी दुनिया को इस खबर ने चौंका दिया था कि यह वायरस किसी तरह की सीफूड मार्केट या फिर मीट मार्केट से नहीं आया था।
पी4 लैब से आया वायरस
लेकिन वो कौन सी जगह है जहां से ये वायरस आया है और इसके पीछे किस शख्स का हाथ है, इसको लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। लेकिन इस वायरस को लेकर चीन की एक वेब साइट ने जनवरी में ही इन सवालों का जवाब देकर एक बड़ा खुलासा कर दिया था। चीन की जीन्यूज 25 जनवरी को एक बड़ा खुलासा किया था। इसके मुताबिक यह वायरस किसी मार्केट से नहीं बल्कि पी4 लैब से आया था। ये पी4 लैब चीन के हुबाई प्रांत के वुहान शहर में स्थित है। ये वही वुहान है जहां पर इस कोरोना वायरस का सबसे अधिक प्रकोप दिखाई दे रहा है।
इस वेबसाइट के मुताबिक इस वायरस अटैक के पीछे चीन के एक वैज्ञानिक का हाथ है जिसका नाम डेयिन ग्याे है। ये वही शख्स है जिसने कोरोना वायरस को बनाया है। इस खबर के मुताबिक चीन के उप राष्ट्रपति वांग किशान ने इस वायरस अटैक का आदेश दिया था। इस खबर के सामने आने के बाद चीन की सरकार और कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना इसके लिए अमेरिका पर आरोप मढ़ रही है। चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी का आरोप है कि कोरोना वायरस को अमेरिका ने तैयार किया है।
हालांकि वेब साइट पर प्रकाशित खबर के मुताबिक चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी ने यह माना है कि ये वायरस किसी मार्केट से नहीं आया था। इतना ही नहीं इसके मुताबिक चीन ने ये भी माना है कि यह बायोलॉजिकल वैपंस प्रोग्राम का हिस्सा था। जहां तक इस वायरस के पीछे पी4 लैब का जिक्र है तो इसको लेकर दुनिया भर के बायोलॉजिकल वैपंस एक्सपर्ट ने इस तरह का अंदेशा जताया था। यह लैब वुहान की सी-फूड मार्केट से करीब 20 मील की दूरी पर स्थित है।
इस वेबसाइट ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी ने इतना तक मान लिया है कि यह वायरस गलती से लीक हो गया था। लिहाजा इसको पार्टी ने मानवीय भूल बताने की कोशिश की है। हालांकि इसको लेकर आज तक भी कोई आधिकारिक बयान सरकार या पार्टी की तरफ से नहीं दिया गया है। चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी इसको मानवीय या तकनीकी खराबी कहकर पीछा छुड़ाने की कोशिश कर रही है। वहीं इस खबर के मुताबिक इस पार्टी ने ही वायरस के जानवरों से इंसान में पहुंचने की अफवाह को फैलाने का भी काम किया है।
वुहान की जिस लैब का जिक्र यहां पर किया गया है उसको बनने में 10 वर्ष का समय लगा था। इसका मकसद सार्स जैसी बीमारियों पर काबू पाने के लिए इलाज खोजना था। पी4 केवल अकेली लैब नहीं है बल्कि दुनियाभर में इस तरह की दूसरी लैब भी हैं जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन की रेंफरेंस लैब के नाम से जाना जाता है। इसी तरह की एक लैब जापान में भी है जो पी4 के नाम से ही जानी जाती है।