कोरोना वायरस के हमले से बचना है तो गुड़ को करें ‘In’ और चीनी को ‘Out’

सब कुछ अनलॉक होने के साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण भी अनलॉक हो चुका है। बाजारों और रिहायशी इलाकों में सेनेटाइजेशन कराया नहीं जा रहा है। पता नहीं कब कहां आप इस वायरस की चपेट में आ जाएं। बेहतर यही है कि इन दिनों आप अपने खान-पान की आदतों में थोड़ा बदलाव कर लें। कोविड-19 से बचाव के लिये सही पोषण लेना जरूरी है। सही पोषण लेने से ही आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इससे आपका शरीर विभिन्न रोगों और संक्रमण से आपको बचाता है।

सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज की डायटिशियन मिनी शर्मा बताती हैं किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है कि उसके खाने में उचित मात्रा में पौष्टिक तत्व हों चाहे वह फैट हो, कार्बोहाइड्रेट हो, प्रोटीन हो या विटामिन तथा अन्य तत्व। अगर यह मात्रा अधिक या कम होती है तो उसका भी गलत प्रभाव शरीर पर पड़ता है। हमारे पास खाद्य पदार्थों की अनेक किस्में हैं लेकिन हमारे स्वास्थ्य के लिए क्या सही है, क्या गलत इसे देखकर ही हमें खाद्य पदार्थों का चयन करना चाहिए। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिये हमें अपने पोषण को लेकर और ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है। इन दिनों हमें पोषण के सात समूहों को ध्यान में रखते हुए खाना खाने की जरूरत है। हरी सब्जियां, अनाज, सही मात्रा में चिकनाई, फल, दूध से बने उत्पाद या दूध, मसालों को सही मात्रा में अपने खाने में शामिल करें।

इसी क्रम में शक्कर और गुड़ के उपयोग की बात करें तो अधिकतर चिकित्सक व आयुर्वेदाचार्य गुड़ के उपयोग पर बल देते हैं क्योंकि गुड़ खनिज पदार्थों और विटामिन से भरपूर होता है जबकि सफ़ेद शक्कर में केवल कैलोरी होती है। डा. मिनी शर्मा का कहना है कि शक्कर और गुड़ दोनों ही गन्ने के रस से बनते हैं। जहां शक्कर को बनाने के लिए बहुत अधिक प्रोसेसिंग, रिफाईनिंग और ब्लीचिंग की जाती है। वहीं गुड़ गन्ने के रस को उबालकर बनाया जाता है। रिफाइनिंग न करने से गुड़ के पौष्टिक तत्व ख़त्म नहीं होते हैं। गुड़ में किसी तरह के रसायन नहीं होते हैं बल्कि शक्कर में रिफाइनिंग के दौरान विभिन्न रसायनों का उपयोग किया जाता है ।

क्‍यों है गुड़ सेहत के लिए फायदेमंद

मिनी शर्मा बताती हैं, 100 ग्राम शक्कर में 400 कैलोरी ऊर्जा होती है जबकि फैट या प्रोटीन नहीं होता है और 100 फीसद कार्बोहाइड्रेट होता है, दूसरी ओर गुड़ में 383 कैलोरी ऊर्जा होती है, जिससे शरीर में ऊर्जा रहती है और आलस्य नहीं आता है। गुड़ आयरन का अच्छा स्रोत होता है। 100 ग्राम गुड़ में 11 मिलीग्राम आयरन या प्रतिदिन शरीर की जरूरत का 61 फीसद आयरन होता है। यह शरीर में हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है। गर्भवती और धात्री महिलायें प्रतिदिन 20-25 ग्राम गुड़ ले सकती हैं। बच्चों को दो से तीन चम्मच गुड़ का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए। एक चम्मच गुड़ यानी पांच ग्राम गुड़ में 1.1 मिलीग्राम आयरन होता है। इसमें फैट की मात्रा न के बराबर होती है। इसके साथ ही इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, विटामिन-बी, जिंक फास्फोरस भी पाया जाता है। कैल्शियम व फास्फोरस हड्डियों की वृद्धि में मदद करता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इससे त्वचा में चमक बनी रहती है। इसमें उपस्थित फ्रक्टोस खाना पचाने में भी मदद करता है। इसके सेवन से मेटाबोलिज्म भी मजबूत होता है ।

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