
सेक्टर-8 निवासी एक युवक नोएडा की एक कंपनी में नौकरी करता है। चार दिन पहले उसे बुखार हुआ और जुकाम होने के कारण वह निजी अस्पताल में टेस्ट के लिए गया। ब्लड सैंपल लिए गए तो उसे स्वाइन फ्लू बताया गया। इस पर युवक निजी अस्पताल से करनाल स्थित कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में आ गया।
यहां पर संभावित लक्षण होने के कारण उसे अलग से वार्ड में दाखिल किया गया और उसके सैंपल लेकर पुणे स्थित लैब में भेजा गया। शुक्रवार को रिपोर्ट आ गई, जिसमें युवक को स्वाइन फ्लू बताया गया है। इसकी पुष्टि मेडिकल कॉलेज के डीएमएस डा. गौरव ने की है। उन्होंने बताया कि दोनों बच्चों और युवक के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
सर्दी में स्वाइन फ्लू की बीमारी अक्सर सामने आती है, क्योंकि इसमें इसके वायरस एच1एन1 सक्रिय हो जाते हैं। वैसे तो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इस बीमारी को महामारी की श्रेणी से अलग कर चुका है। फिर भी, बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए यह जानलेवा साबित हो सकती है। यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है, इसलिए भीड़ वाली जगहों पर संक्रमण होने का खतरा अधिक रहता है।
घबराने की जरूरत नहीं: डा. अभिनव डागर
कल्पना चावला मेडिकल कलेज के विशेषज्ञ डॉ. अभिनव डागर ने बताया कि स्वाइन फ्लू होने पर खांसी, जुकाम, बुखार और दर्द की परेशानी होती है। हर मरीज को जांच की जरूरत नहीं होती और ज्यादातर मरीज तो सिर्फ पैरासिटोमॉल दवा से ठीक हो जाते हैं। इसलिए इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है।
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