कोरोना वायरस के चलते देश की अर्थव्यवस्था की गाड़ी डगमगाती नजर आ रही है। तमाम काम धंधे बंद हो चुके हैं, बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन आप लॉकडाउन के बाद से देख ही चुके हैं। इसके अलावा अगर किसी इंडस्ट्री को कोरोना ने सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है तो वह है भारतीय फिल्म इंडस्ट्री।
लगातार कई महीने तक शूटिंग बंद होने की वजह से फिल्मों की रिलीज डेट आगे टाल दी गई। कई बड़े प्रोजेक्ट बंद हो गए। अब सिनेमाघरों का अस्तित्व भी संकट में नजर आ रहा है। कई राज्यों में सिनेमाघर खोलने के बाद भी ये दर्शकों के लिए तरस रहे हैं।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (फिक्की) की रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान 12 फीसदी सिनेमाघर हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं। कई राज्यों में कोरोना के कहर को देखते हुए सिनेमाघर अब तक नहीं खुल पाए हैं, ऐसे में अंदाजा यही लगाया जा रहा है कि कुछ और सिनेमाघरों में फिर कभी रोशनी न हो।
देश में करीब 10 हजार सिनेमाघर हैं। इसमें सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों की हालत लॉकडाउन के बाद से ज्यादा खराब हो गई है। लगातार बंद रहने की वजह से यहां काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। कोरोना काल में एहतियात बरत रहे लोग सिनेमाघरों में जाने से डर रहे हैं। यह स्थिति केवल भारत में ही नहीं बल्कि अमेरिका सहित कई बड़े देशों में भी है।
सिनेमाघर मालिकों की तकलीफ स्टूडियोज ने भी बढ़ानी शुरू कर दी है। वो कई फिल्मों अब ओटीटी पर रिलीज कर रहे हैं। स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म मुनाफे में जा रहे हैं और सिनेमाघर घुटनों पर आ गए हैं। आने वाला वक्त जरूर कुछ बदलाव लेकर आ सकता है।