चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस का कहर पूरे विश्व में बढ़ता जा रहा है। इससे बचाव के लिए अब मंदिर परिसरों को भी बंद रखा जाने लगा है। ऐसा इसलिए कि दर्शन को भीड़ न लगे।
भीड़ नहीं होगी तो इन्फेक्शन भी नहीं फैलेगा। इसी क्रम में शुक्रवार को संगम इलाके में बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर को भी बंद कर दिया गया है।
22 मार्च तक मंदिर में दर्शन भक्तों को नहीं हो सकेगा। स्वामी नरेंद्र गिरि ने हवन पूजन के बाद मंदिर में ताला लगवाया। कहा कि लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सन्देश का पालन करें।
संगम किनारे स्थित लेटे हनुमान मंदिर के कपाट 21 मार्च तक बंद रखने का मंदिर प्रशासन ने ऐलान किया है। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे से बचने के लिए ऐसा किया गया है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने खुद श्री हनुमान मंदिर के मुख्य द्वार पर ताला लगाया। इस दौरान जानकारी न होने की वजह से वहां दर्जनों लोग श्री हनुमान जी के पूजन और अर्चन को पहुंचे थे।
वह सभी बाहर से मत्था टेककर वापस लौट गए। वहीं श्रद्धालुओं के आने का क्रम भी जानकारी के अभाव में अभी बना हुआ है, उन सभी को भी सूचना देने के बाद वापस लौटाया जा रहा है।
इसी क्रम में कोरोना वायरस से बचाव के लिए विशेष सावधानी के तहत 51वीं शक्तिपीठ कड़ा स्थित मां शीतला के धाम के कपाट गुरुवार को बंद कर दिया गया।
साथ ही एसडीएम ने पुजारियों से कहा कि आरती के समय अधिक भीड़ एकत्रित न हों। सिराथू एसडीएम राजेश कुमार श्रीवास्तव और पुलिस उपाधीक्षक रामवीर ङ्क्षसह भी इस दौरान शीतला धाम पहुंचे।
उप जिलाधिकारी सिराथू व पुलिस उपाधीक्षक ने वहां मौजूद पुजारियों से बताया कि देश में इन दिनों कोरोना वायरस फैलने को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।
इसके तहत जिले के प्रमुख धार्मिक स्थान कड़ा के शीतला धाम मंदिर के कपाट बंद करा दिए गए हैं। एसडीएम ने कहा कि अभी सावधानी बरतने की जरूरत है।
मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष शारदा प्रसाद पंडा ने बताया कि माता रानी के धाम में दर्शन और पूजन के लिए गैर प्रांतों से काफी श्रद्धालु पहुंचते हैं। मंदिर के पट बंद होने के बाद भीड़ नहीं होगी। जिन्हें जानकारी नहीं थी, काफी संख्या में वह लोग आए थे। वह बाहर से ही दर्शन कर लौट गए।