जम्मू में जहां अब तक कोरोना वायरस के दो पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. इस वायरस के लगतार बढ़ रहे संदिग्ध मामलों का असर अब जम्मू में ट्रांसपोर्ट पर पड़ना शुरू हो गया है.
जम्मू में ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोगो की माने तो संभाग में चलने वाली करीब 80 प्रतिशत स्लीपर बसें सड़कों से गायब हो गयी हैं. ट्रांसपोर्टरों की मानें तो जम्मू में स्लीपर बसें जम्मू से पड़ोसी राज्यों दिल्ली, पंजाब, हिमांचल तक जाती हैं.
इन बसों में सफर करने के लिए रोजाना सौकड़ों यात्री जम्मू के बस स्टैंड के पास बने त्रिकुटा कॉम्प्लेक्स पहुंचते थे. फिलहाल कोरोना वायरस की दहशत के कारण चंद यात्री ही यहाा पहुंच रहे हैं, और स्लीपर बसों में यात्रा कर रहे हैं.
इस वायरस से निपटने के लिए एहतियातन जम्मू में सरकार ने जहां सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, जिम, शॉपिंग मॉल, क्लब, स्विमिंग पूल और स्टेडियम बंद किए हैं.
वहीं आम जनता से भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूर रहने और बहुत ज़रूरी स्थिति में ही घरों से बाहर निकलने की बात भी कही है. यहीं वजह है कि यात्री फिलहाल यात्रा करने से परहेज़ कर रहे हैं. जिसका सीधा असर ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री पर पड़ रहा है, और उन्हें रोज़ाना लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है.
जम्मू में सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट की बात करें तो यहां रोज़ाना 1000 बसें ही अब जम्मू से ग्रामीण इलाकों में चल रही है जबकि पहले यह आंकड़ा 8000 से अधिक का था.
वहीं जम्मू शहर की अगर बात की जाए तो शहर के अलग अलग रूटों पर करीब 2500 बसें चलती थी. जिनकी संख्या अब करीब 400 रह गयी है. अगर जम्मू से दिल्ली के बीच चल रही स्लीपर बसों की बात करें तो इस रूट पर 40 बसें चलती थी, जो अब सिमट कर आधा दर्जन रह गयी हैं. चंडीगढ़ रूट पर चल रही 20 स्लीपर बसों में से सिर्फ 4 बसे की चल रही हैं.