चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर से फैला खतरनाक वायरस कोरोना इस समय पूरी दुनिया के लिए खतरा बना हुआ है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस जानलेवा वायरस के इलाज की दवा ढूंढ रहे हैं। कहा जा रहा है कोरोना वायरस के इलाज यानी की वैक्सिन ढूंढने में तकरीबन 6 माह का समय लग सकता है। इस बीच आपको बता दें की भारत सरकार ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए तीन चिकित्सा पद्धति को महत्वपूर्ण बताया है। पीआईबी की ओर से आयुष मंत्रालय द्वारा जारी इस गाइड लाइन में बताया गया है कि किस तरह से ये तीन चिकित्सा पद्धति कोरोना वायरस के मरीज का इलाज कर सकती है।
व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें।
साबुन और पानी से अपने हाथों को कम से कम 20 सेकैंड तक धोएं।
कम से कम 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को अक्सर साबुन और पानी से धोएं।
शदांग पनिया (मुस्ता, परपाट, उशीर, चंदन, उडिच्य़ा और नागर) प्रसंस्कृत पानी (1 लीटर पानी में 10 ग्राम पाउडर डाल कर उबालें, जब तक यह आधा तक कम न हो जाए) पी लें। इसे एक बोतल में स्टोर करें और प्यास लगने पर पिएं।
बिना धोए हाथों से अपनी आंखें, नाक और मुंह छूने से बचें।
जो लोग बीमार हैं उनके निकट संपर्क से बचें।
बीमार होने पर घर में रहें।
खांसी या छींक के दौरान अपना चेहरा ढंक लें और खांसने या छींकने के बाद अपने हाथों को धो लें।
अक्सर छुई गई वस्तुओं और सतहों को साफ करें।
संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर यात्रा करते समय या काम करते समय एक एन95 मास्क का उपयोग करें।
यदि आपको कोरोना वायरल संक्रमण का संदेह है, तो मास्क पहनें और तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें।
स्वस्थ आहार और जीवन शैली के माध्यम से प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए उपाय किए जाएंगे।
अगस्त्य हरितकी 5 ग्राम, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ।
शेषमणि वटी 500 मिलीग्राम दिन में दो बार।
त्रिकटु (पिप्पली, मारीच और शुंठी) पाउडर 5 ग्राम और तुलसी 3-5 पत्तियां (1-लीटर पानी में उबालें, जब तक यह ½ लीटर तक कम नहीं हो जाता है और इसे एक बोतल में रख लें) इसे आवश्यकतानुसार और जब चाहे तब घूंट में लेते रहें।
प्रतिमार्स नास्य : प्रत्येक नथुने में प्रतिदिन सुबह अनु तेल / तिल के तेल की दो बूंदें डालें।
बता दें कि आयुष मंत्रालय की पहल से, सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी (सीसीआरएच) ने 28 जनवरी, 2020 को अपने वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड की 64वीं बैठक में कोरोमा वायरस संक्रमण से बचाव के तरीकों और उपायों पर चर्चा की।
विशेषज्ञों के समूह ने सिफारिश की है कि होमियोपैथी दवा आर्सेनिकम एल्बम 30 को कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ रोगनिरोधी दवा के रूप में अपनाया जा सकता है, जिसे आईएलआई की रोकथाम के लिए भी सुझाया गया है।
इसने आर्सेनिकम एल्बम 30 की एक डोज की सिफारिश की है, जो प्रतिदिन खाली पेट में तीन दिनों के लिए इस्तेमाल की जाती है। खुराक को एक महीने के बाद दोहराया जाना चाहिए ताकि समुदाय में प्रबल होने वाले कोरोना वायरस संक्रमण के उसी शेड्यूल का पालन किया जा सके।इसके अलावा विशेषज्ञ समूह ने सलाह दी है कि रोग की रोकथाम के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सुझाए स्वास्थ्यकर उपायों का जनता द्वारा पालन किया जाना चाहिए।
तीसरी पद्धति यूनानी दवाएं
कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण प्रबंधन में उपयोगी यूनानी दवाएंशरबतउन्नाब 10-20 मिली दिन में दो बार
तिर्यकअर्बा 3-5 ग्राम दिन में दो बार
तिर्यक नजला 5 ग्राम दिन में दो बार
खमीरा मार्वारिद 3-5 ग्राम दिन में एक बार
स्कैल्प और छाती पर रोगन बाबूना / रोगन मॉम / कफूरी बाम से मालिश करें
नथुने में रोगन बनाफशा धीरे लगाएं
अर्क अजीब 4-8 बूंद ताजे पानी में लें और दिन में चार बार इस्तेमाल करें
बुखार होने की स्थिति में हब ए एकसीर बुखार 2 की गोलियां गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें।
10 मिली शरबत नाजला 100 मिली गुनगुने पानी में दो बार रोजाना पिएं।
क़ुरस ए सुआल 2 गोलियों को प्रतिदिन दो बार चबाना चाहिए
शरबत खाकसी के साथ-साथ निम्नलिखित एकल यूनानी दवाओं के अर्क का सेवन करना बहुत उपयोगी है :
इधर आपको बता दें कि अब तक इस खतरनाक वायरस से अब तक 361 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 17,205 मामलों की पुष्टि हुई है। बता दें कि हुबेई प्रांत के स्थानीय स्वास्थ्य आयोग सोमवार को जानकारी दी है कि रविवार को इससे 57 लोगों की मौत हुई। अब कोरोनावायरस के चलते मरने वालों की कुल संख्या 361 हो गई है। यहां रहने वाले दूसरे देश के नागरिक शहर छोड़कर अपने देश लौटना चाह रहे हैं। इधर भारत में कोरोनावायरस का तीसरा सकारात्मक मामला केरल में सामने आया है। केरल के स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि केरल के कासरगोड में जांच के बाद कोरोनोवायरस के तीसरे सकारात्मक मामले की पुष्टि हुई है।