PM मोदी का बांग्लादेश दौरा : मोदी कोरोना महामारी के दौरान, भारत और बांग्लादेश ने अपनी क्षमताओं को साबित किया है। आज दोनों राष्ट्र इस महामारी का जोरदार तरीके से सामना कर रहे हैं और इसे साथ मिलकर लड़ रहे हैं। भारत इसे अपना कर्तव्य मानकर काम कर रहा है कि मेड इन इंडिया टीका बांग्लादेश के नागरिकों तक पहुंचे।
-पीएम ने कहा कि मौतुवा शॉम्प्रोदाय के हमारे भाई-बहन श्री श्री हॉरिचान्द ठाकुर जी की जन्मजयंति के पुण्य अवसर पर हर साल ‘बारोनी श्नान उत्शब’ मनाते हैं। भारत से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस उत्सव में शामिल होने के लिए, ओराकान्दी आते हैं।
भारत के मेरे भाई-बहनों के लिए ये तीर्थ यात्रा और आसान बने, इसके लिए भारत सरकार की तरफ से प्रयास और बढ़ाए जाएंगे। ठाकूरनगर में मौतुवा शॉम्प्रोदाय के गौरवशाली इतिहास को प्रतिबिंबित करते भव्य आयोजनों और विभिन्न कार्यों के लिए भी हम संकल्पबद्ध हैं।
-मोदी ने कहा, ‘श्री श्री हॉरिचान्द देव जी के जीवन ने हमको एक और सीख दी है। उन्होंने ईश्वरीय प्रेम का भी संदेश दिया, लेकिन साथ ही हमें हमारे कर्तव्यों का भी बोध कराया।
उन्होंने हमें ये बताया कि उत्पीड़न और दुख के विरुद्ध संघर्ष भी साधना है।’ पीएम ने आगे कहा कि श्री श्री हॉरिचान्द देव जी की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने में, दलित-पीड़ित समाज को एक करने में बहुत बड़ी भूमिका उनके उत्तराधिकारी श्री श्री गुरुचॉन्द ठाकुर जी की भी है। श्री श्री गुरुचॉन्द जी ने हमें ‘भक्ति, क्रिया और ज्ञान’ का सूत्र दिया था।
-पीएम ने कहा, ‘भारत और बांग्लादेश दोनों ही देश अपने विकास से, अपनी प्रगति से पूरे विश्व की प्रगति देखना चाहते हैं। दोनों ही देश दुनिया में अस्थिरता, आतंक और अशांति की जगह स्थिरता, प्रेम और शांति चाहते हैं। यही मूल्य, यही शिक्षा श्री श्री हॉरिचान्द देव जी ने हमें दी थी।
-पीएम मोदी बोले- मैं बांग्लादेश के राष्ट्रीय पर्व पर भारत के 130 करोड़ भाइयों-बहनों की तरफ से आपके लिए प्रेम और शुभकामनाएं लाया हूं। आप सभी को बांग्लादेश की आज़ादी के 50 साल पूरे होने पर ढेरों बधाई, हार्दिक शुभकामनाएं।
-बांग्लादेश के ओराकांडी में मतुआ समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘किसने सोचा था कि भारत का प्रधानमंत्री कभी ओराकांडी आएगा। मैं आज वैसा ही महसूस कर रहा हूं, जो भारत में रहने वाले मतुआ संप्रदाय के मेरे हज़ारों-लाखों भाई-बहन ओराकांडी आकर महसूस करते हैं।
‘ पीएम ने आगे कहा कि इस दिन की प्रतीक्षा मुझे कई वर्षों से थी, 2015 में जब मैं प्रधानमंत्री के तौर पर पहली बार बांग्लादेश आया था तभी मैंने यहां आने की इच्छा प्रकट की थी। मेरी वो इच्छा आज पूरी हुई है।