भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने साफ किया है कि कोविड-19 टीका लगने की वजह से अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी होती है और वह अस्पताल में भर्ती होता है, तो इसका खर्च स्वास्थ्य बीमा कंपनी को देना होगा.
यानी अगर किसी व्यक्ति ने हेल्थ इंश्योरेंस ले रखा है और उसे टीका लगवाने के बाद किसी समस्या की वजह से अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है तो बीमा कंपनी उसे अस्पताल के खर्चों की भरपाई या कैशलेज इलाज की सुविधा देने से मना नहीं कर सकती.
IRDAI ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा है, ‘मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं जिनसे इस बात को लेकर संदेह कायम हुआ है कि कोविड-19 टीकाकरण की वजह से किसी प्रतिकूल हालत में अस्पताल में भर्ती होने पर स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत कवर होगा या नहीं. इसलिए यह स्पष्ट किया जाता है कि कोविड-19 टीकाकरण के बाद किसी प्रतिकूल प्रतिक्रिया की वजह से अस्पताल में भर्ती होने की हालत में भर्ती होने का खर्च स्वास्थ्य बीमा में कवर किया जाएगा. इसके लिए बीमा कंपनी ने जो पहले से नियम-शर्तें बता रखी होंगी, उन्हीं का पालन करना होगा.’
कुछ हेल्थ वर्कर्स ने बीमा कंपनियों से सवाल किया था कि कोविड-19 का टीका लगने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, तो क्या इलाज का खर्च बीमा कंपनी उठाएगी इस पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए इरडा ने कहा है कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी की सामान्य नियम व शर्तों के निर्देशानुसार ग्राहक क्लेम कर सकता है.
दूसरी तरफ, सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी ने कोविड संकट से जूझ रहे अपने ग्राहकों के लिए सेटलमेंट प्रक्रिया आसान बना दी है. कंपनी ने बताया कि ग्राहक अपनी पॉलिसी की परिपक्वता अवधि से जुड़े दस्तावेज देश के किसी भी एलआईसी कार्यालय में जमा करा सकेंगे.