कोरोना वायरस के खिलाफ टीका विकसित करने भारतीय दवा कंपनियों ने भारत बायोटेक और बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड ने सोमवार को कहा कि वो कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से निपटने के लिए अपनी वैक्सीन में तत्काल बदलाव कर सकती हैं, अगर इसके आनुवंशिक अनुक्रम का पता चल जाता है।
हाल के दिनों में भारत में ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में पाए गए कोरोना वायरस के नए स्वरूप से संक्रमित मामले पाए गए हैं। यह भी माना जा रहा है कि इन नए वैरिएंट के चलते ही महाराष्ट्र और केरल में मामले बढ़ रहे हैं।
बायो-एशिया कांफ्रेंस में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की उप महानिदेशक निवेदिता गुप्ता ने कहा, ‘जैसा कि हम देख रहे हैं नए मामले बढ़ रहे हैं, हम हॉटस्पॉट और क्लस्टर से नमूनें एकत्र कर रहे हैं और हम उनका अनुक्रम का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।’
भारत बायोटेक के चेयरमैन कृष्णा एल्ला ने कहा कि उनकी कंपनी आनुवंशिक अनुक्रम के लिए आइसीएमआर और विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों पर निर्भर है और आंकड़े मिलते ही वह प्रभावी वैक्सीन बनाने में सक्षम है।
बता दें कि भारत अब कोरोना टीके की दूसरी खुराक के दौर में काफी आगे बढ़ चुका है, मगर कोरोना संक्रमण को लेकर चिंता कम होती नहीं दिखाई देती। सरकार ने अपनी प्राथमिकता सूची में सबसे पहले मुल्क के एक करोड़ हेल्थवर्कर्स व दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाने के लिए रखा है। सरकार 50 साल से अधिक उम्र वाले व गंभीर बीमारियों से पीड़ित 27 करोड़ लोगों के लिए टीका लगवाने का अभियान अगले माह से शुरू करेगी।
अब तक देश में कोविड वैक्सीन कुल 1,14,24,094 लोगों को लगाई गई है। इसमें 75,40,602 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन दी गई हैं, जिसमें से पहली डोज 64,25,060 लाभार्थियों को दी गई है, दूसरी डोज 11,15,542 लाभार्थियों को दी गई है। अब तक 38,83,492 फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जा चुकी है।