कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने और उसका इलाज खोजने में पूरा विश्व लगा हुआ है। कोरोना वैक्सीन विकसित करने के लिए युद्धस्तर पर काम जारी है। लेकिन एक नए अध्ययन में पता चला है कि कोरोना संक्रमण के इलाज में आमतौर पर उपयोग किया जाने वाला सस्ता एंजाइम कैटालेज (Enzyme Catalase) बहुत अहम साबित हो सकता है। यह शरीर के अंदर कोरोना वायरस को दोबारा पनपने भी नहीं देता।
एंजाइम एक तरह का प्रोटीन है, जो कोशिकाओं के अंदर पाया जाता है। ये मानव शरीर में रासायनिक प्रतिक्रियाओं को तेज करने में मदद करते हैं। मनुष्यों के साथ-साथ जानवर और पौधों में भी ये स्वाभाविक रूप से मौजूद होते हैं। कैटालेज एक तरह का उत्पेरक एंजाइम है। यह हाइड्रोजन पेरॉक्साइड, जो विषाक्त हो सकता है, को तोड़कर पानी और ऑक्सीजन में बदल देता है, जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है।
अमेरिका के लॉस एंजिलिस स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के विज्ञानी और अध्ययन के वरिष्ठ लेखक यूनफेंग लू कहते हैं, ‘हमने शोध में पाया है कि कोरोना वायरस के चलते पैदा होने वाली बीमारियों के इलाज में कैटालेज एंजाइम बहुत ही कारगर साबित हो सकता है।’
विज्ञानियों ने कोरोना के अलग-अलग लक्षणों को लेकर तीन तरह के टेस्ट किए। शोध में पाया गया कि यह एंजाइम साइटोकिंस नामक प्रोटीन के उत्पादन को नियंत्रित करने में सक्षम है। साइटोकिंस प्रोटीन शरीर के अंदर श्वेत रक्त कोशिकाओं यानी व्हाइट ब्लड सेल्स में पैदा होता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह प्रोटीन मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का अहम हिस्सा है। लेकिन जब ज्यादा मात्रा में यह प्रोटीन पैदा होता है तो अपनी ही कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जैसा कि कोरोना संक्रमित कुछ मरीजों में पाया गया है। विज्ञानियों ने यह भी पाया कि कैटालेज एंजाइम फेफड़ों की वायुकोशीय कोशिकाओं को ऑक्सीकरण के चलते होने वाले नुकसान से भी बचा सकता है।