भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के निर्देश पर सभी हेल्थ और जनरल इंश्योरेंस कंपनियां कोरोना कवच और कोरोना रक्षक नामक पॉलिसी लांच कर रही हैं। अधिकतर इंश्योरेंस कंपनियों ने इन दोनों पॉलिसी को लांच कर दिया है या करने वाली हैं। दोनों ही पॉलिसी के लिए तीन प्रकार की अवधि तय की गई है। 105 दिन, 195 दिन और 285 दिन। अवधि और कवर के मुताबिक पॉलिसी की राशि तय होगी। 18-65 वर्ष आयुवर्ग के ग्राहक इन दोनों में से कोई भी पॉलिसी ले सकते हैं। कोरोना कवच के तहत 50,000 रुपये से पांच लाख तक, तो कोरोना रक्षक के तहत 50,000 रुपये से लेकर 2.5 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस की व्यवस्था की गई है।
पॉलिसी की राशि के भुगतान के 15 दिनों के बाद से इंश्योरेंस की अवधि शुरू होगी। एक व्यक्ति के लिए एक ही इंश्योरेंस मान्य होगा। अलग-अलग कंपनियों से एक ही इंश्योरेंस लेने पर दूसरा अमान्य हो जाएगा। इस इंश्योरेंस को रिन्यू कराने का प्रावधान नहीं है। बीमा कंपनियों के मुताबिक कोरोना रक्षक पॉलिसी के तहत इंश्योरेंस के भुगतान के लिए मरीज को 72 घंटे तक अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है। कोरोना से संक्रमण की रिपोर्ट सरकार से मान्यता प्राप्त लैब की होनी चाहिए। कोरोना रक्षक के तहत घर में इलाज होने पर कोई खर्च नहीं मिलेगा।
बीमा कंपनियों के मुताबिक 18-39 वर्ष की उम्र वाले व्यक्ति को कोरोना रक्षक के तहत 105 दिनों के लिए 50,000 रुपये का कवर लेने पर 250-270 रुपये तक का भुगतान करना होगा। 40-59 वर्ष के व्यक्ति के लिए यह राशि 300 रुपये और 60-65 वर्ष वालों के लिए यह राशि 375 रुपये तक हो सकती है। कोरोना रक्षक के तहत 285 दिनों के लिए 2.5 लाख का कवर लेने पर 18-39 की उम्र वालों को 525 रुपये, 40-59 वर्ष वालों को 1100 तो 60-65 साल वालों को 2,200 रुपये देने होंगे।
कोरोना कवच की खासियत है कि इसके तहत घर पर होने वाले इलाज के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर, डॉक्टर का चार्ज, डॉक्टर द्वारा इस्तेमाल में लाई गई पीपीई किट वगैरह का भुगतान बीमा कंपनी करेगी। कोरोना कवच के दौरान 285 दिनों के लिए पांच लाख रुपये का कवर लेने पर 18-39 वर्ष वालों को 1,200 रुपये, 40-59 वालों को 2,300 रुपये तो 60-65 वालों को 3,800 रुपये देने होंगे।