कोरोना वायरस संकट ने दुनिया के तौर तरीके पूरी तरह से बदल दिये हैं. हर साल सितंबर के महीने में होने वाली संयुक्त राष्ट्र की महासभा का इस बार होना मुश्किल दिखाई पड़ता है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव का कहना है कि इस साल दुनिया के नेताओं का महासभा के लिए आना नामुमकिन है, जो कि 75 साल में पहली बार होगा.
संयुक्त राष्ट्र के तिजानी मुहम्मद ने कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि 193 देशों के नेता अपना संबोधन UN को जरूर देंगे. लेकिन इस बार उनका न्यूयॉर्क आकर महासभा में हिस्सा लेना मुश्किल लग रहा है.
उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रपति या एक नेता कभी अकेला नहीं चलता है और पूरे डेलिगेशन के साथ न्यूयॉर्क आना अभी संभव नहीं है. देखते हैं आगे क्या होगा, लेकिन अबतक जो होता आया है वैसा तो होता हुआ नहीं दिख रहा है.
बता दें कि इस साल संयुक्त राष्ट्र को अपने गठन का 75वें साल का जश्न मनाना था, इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने नेताओं से अपील की है कि वो सभी अपना रिकॉर्डेड मैसेज भेज सकते हैं.
दूसरी ओर तिजानी मुहम्मद ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में हम सिर्फ कुछ सौ लोगों को एंट्री दे सकते हैं. सामान्य स्थिति में ये संख्या हजारों में होती है. इस साल लोगों को उम्मीद थी कि अधिक लोग आएंगे, क्योंकि सेलिब्रेशन बड़ा होने वाला था.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से दुनिया के हालात पूरी तरह बदल गए हैं. इस बीमारी ने अबतक चार लाख लोगों की जान ले ली है, जबकि करीब 70 लाख इसकी चपेट में हैं. सितंबर में हर साल संयुक्त राष्ट्र की महासभा होती है, जहां दुनियाभर के नेता अपना एजेंडा सामने रखते हैं.
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