कोरोना काल में गांवों में बेरोजगारी दुगुनी तेजी से बढ़ी: CMIE

देश के ग्रामीण क्षेत्रों में अब बेरोजगारी बढ़ने लगी है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के अनुसार बुवाई का सीजन खत्म होने की ओर है, इस वजह से गांवों में बेरोजगारी बढ़ी है. दूसरी तरफ, इकोनॉमिक गतिविधियां बढ़ने से शहरी इलाकों में बेरोजगारी कम हुई है.

CMIE के मुताबिक 19 जुलाई को खत्म हफ्ते में देश में बेरोजगारी बढ़कर 7.94 फीसदी हो गई. इसके पिछले हफ्ते में बेरोजगारी दर 7.44 फीसदी थी.

इस दौरान ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी बढ़कर 7.1 फीसदी हो गई, जबकि इसके पिछले हफ्ते में यह 6.34 फीसदी थी. ग्रामीण बेरोजगारी बढ़ने से ही कुल बेरोजगारी में बढ़त हुई है.

हालां​कि लॉकडान की तुलना में यह थोड़ी राहत वाली बात है, क्यों​कि लॉकडाउन के दौरान बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी.

इस दौरान शहरी बेरोजगारी घटकर 9.78 फीसदी रह गई. इसके पिछले हफ्ते में यह 9.92 फीसदी थी. असल में इकोनॉमी के खुलने और औद्योगिक गतिविधियां बढ़ने से फॉर्मल सेक्टर में जॉब बढ़ने लगी है. कारोबारी वातावरण में सुधार हो रहा है.

अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों का मानना है कि अगले महीनों में श्रम बाजार को कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और यह शहरी एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में होगा.

ग्रामीण क्षेत्रों में बुवाई का सीजन लगभग खत्म हो गया है. कई राज्यों में बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से लोग तबाह हैं और खेती-बाड़ी की गतिविधियां ठप पड़ गई हैं. इससे जो प्रवासी मजदूर खेती के काम में लग गए थे अब खाली हो गए हैं.

कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से भारत में लोगों के रोजगार में जबरदस्त कमी आ गई थी.. इसके पहले सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के अनुसार, 3 मई को खत्म हफ्ते में बेरोजगारी दर बढ़कर रिकॉर्ड 27.11 फीसदी तक पहुंच गई थी.

यानी हर चार में से एक व्यक्ति बेरोजगार हो गया. यह देश में अब तक की सबसे ज्यादा बेरोजगारी की दर है.

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