केरल के कोझिकोड में करीपुर एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान लैंडिंग करने के दौरान फिसल गया और खाई में गिर गया। घटना में दो पायलट सहित 18 लोगों की मौत हो गई।
विमान में दो पायलट और क्रू मेंबस सहित 191 यात्री सवार थे। इसे लेकर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अध्यक्ष अरविंद सिंह ने कहा कि हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और जल्द ही हवाई अड्डा चालू हो जाएगा।
अरविंद सिंह ने कहा, ‘विमान उस रनवे पर नहीं उतर सका जहां उसे उतरना था, फिर उसे दूसरे रनवे पर उतारने की कोशिश की गई, जहां यह दुर्घटना हुई। हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और हवाई अड्डा जल्द ही चालू हो जाएगा।’
अरविंद सिंह ने आगे कहा, ‘नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के पास 2015 में रनवे को लेकर कुछ समस्याएं थीं लेकिन उन मुद्दों को हल करने के बाद 2019 में इसे मंजूरी दे दी गई। एयर इंडिया के जंबो जेट्स भी वहां उतरा करते थे।’
बता दें कि इस हादसे से नौ साल पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा गठित एक सुरक्षा सलाहकार समिति के एक सदस्य ने चेतावनी देते हुए कहा था कि करीपुर हवाई अड्डा असुरक्षित है और यहां लैंडिंग की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि शुक्रवार को हुए हादसे से पता चलता है कि उनकी चेतावनी पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
सूत्रों के अनुसार एक विशेषज्ञ ने कहा, ‘मंगलूरू दुर्घटना के बाद जारी की गई मेरी चेतावनी को नजरअंदाज किया गया। यह डाउनस्लोप वाला टेबलटॉप रनवे है। रनवे के अंत में बफर जोन अपर्याप्त है।
स्थलाकृति को देखते हुए हवाई अड्डे के रनवे के अंत में 240 मीटर का एक बफर होना चाहिए, लेकिन इसमें केवल 90 मीटर बफर जोन है (जिसे डीजीसीए ने मंजूरी दी थी)। इसके अलावा, रनवे के दोनों ओर का स्थान अनिवार्य 100 मीटर के बजाय केवल 75 मीटर का है।’