नई दिल्ली। कैशलेस भुगतान को बढ़ावा देने के लिए रेलवे ने छूट का सहारा लिया है। इसके तहत रेलवे स्टेशनों, रेल परिसरों और ट्रेन में खाने-पीने का सामान का कैशलेस भुगतान करने पर पांच फीसद की छूट मिलेगी। इसके साथ ही यात्रियों को बिल भी दिया जाएगा। इससे ज्यादा पैसे वसूलने की शिकायत भी दूर होगी। इस संबंध में सभी रेलवे जोन को निर्देश जारी कर दिया गया है।
नोटबंदी के बाद से ही रेल प्रशासन कैशलेस भुगतान को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। इसी कड़ी में रेलवे खानपान सेवा में छूट देने का फैसला किया है। इस संबंध में रेलवे बोर्ड की निदेशक (पर्यटन एवं खानपान) शैली श्रीवास्तव ने सभी रेलवे जोन को निर्देश जारी किया है। इस योजना का लाभ स्टेशन पर रेल प्रशासन की ओर से अधिकृत स्टॉल, कैंटीन या ट्रेन में कैटरिंग सेवा देने वाले से खाने-पीने का सामान खरीदने वाले यात्रियों को मिलेगा। फिलहाल यह योजना 30 जून तक के लिए लागू की गई है। इसके परिणाम का अध्ययन करने के बाद इसे आगे बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि खाने-पीने का स्टॉल चलाने या पैंट्री कार के ठेकेदार को भुगतान का पूरा ब्योरा अपने पास रखना होगा। इसके आधार पर उन्हें रेलवे की ओर से भुगतान किया जाएगा। इसलिए उन्हें यात्री को कंप्यूटराइज्ड बिल देने को कहा गया है। इसकी एक कॉपी विक्रेता अपने पास रखेगा, जिसे वह बाद में संबंधित रेलवे अधिकारी को सौंपेगा। इससे कैटरिंग के कामकाज में पारदर्शिता भी आएगी। अक्सर कैटरिंग सेवा देने वालों पर यात्री ज्यादा पैसे वसूलने का आरोप लगाते हैं। यदि वे कैशलेस भुगतान करेंगे तो उनसे कोई ज्यादा पैसे नहीं वसूल पाएगा।