सिंह ने 22 जनवरी, 8 फरवरी, 19 फरवरी, 12 मार्च और 16 मार्च को याचिका की सुनवाई के लिए अपील की। हर बार सिंह को आश्वासन मिला, लेकिन केस लिस्टेड नहीं हो सका। आखिरकार सोमवार को चीफ जस्टिस के सामने गुहार लगाने के साथ ही केस को लिस्टेड कर दिया गया। सोमवार को दरबार के केस की सुनवाई जस्टिस आर के अग्रवाल और जस्टिस ए एम सापरे की बेंच को सौंप दी गई। कोर्ट ने नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।
यह है मामला
2013 विधनसभा चुनावों में मध्य प्रदेश के महू विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी की ओर से कैलाश विजयवर्गीय ने चुनाव लड़ा था और वह जीते। उनके मुकाबले में कांग्रेस के अंतरसिंह दरबार चुनाव मैदान में थे। चुनाव में विजयवर्गीय की जीत हुई थी, जिसके बाद दरबार ने 20 जनवरी 2014 को विजयवर्गीय के खिलाफ हाई कोर्ट में चुनौती दी। दरबार ने विजयवर्गीय पर गलत तरीके से चुनाव जीतने का आरोप लगाया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने केस खारिज कर विजयवर्गीय की विधायकी बरकरार रखी। कोर्ट ने कहा था कि दरबार आरोपों को साबित नहीं कर पाए इसलिए विजयवर्गीय के चुनाव को रद्द नहीं किया जा सकता।