कैबिनेट ने प्रस्ताव पास कर दिया है, तो राज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुलाना ही होगा: राजस्थान सरकार में मंत्री

राजस्थान सरकार में मंत्री का कहना है कि कैबिनेट ने प्रस्ताव पास कर दिया है, तो राज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुलाना ही होगा. केंद्र सरकार लोकतंत्र का गला घोंटना चाहती है.

02.19 PM: सभी विधायक बस में बैठकर राजभवन पहुंच गए हैं. यहां राज्यपाल से मुलाकात कर विधानसभा का सत्र बुलाने की अपील की जाएगी.

अब से कुछ देर में सभी विधायक बस में बैठकर राजभवन के लिए रवाना होंगे. इस बीच विधायकों का कहना है कि सत्र नहीं बुलाया गया तो सभी राजभवन में धरने पर बैठ सकते हैं.

02.00 PM: हाईकोर्ट के द्वारा नोटिस पर स्टे लगाने के बाद विधानसभा स्पीकर शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं. स्पीकर की ओर से फैसले के खिलाफ याचिका दायर की जा सकती है.

राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच मुलाकात अब दो बजे होगी. इस बीच राजस्थान के मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि अगर कोरोना का संकट है तो वो सभी विधायकों को कोरोना टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं.

अशोक गहलोत ने कहा कि हमने राज्यपाल को चिट्ठी लिखी है कि वो तुरंत विधानसभा सत्र बुलाएं. जिसमें कोरोना संकट, लॉकडाउन पर चर्चा हो सके. लेकिन अभी तक जवाब नहीं आया है, हमने रात को चिट्ठी लिखी थी. हमारा मानना है कि ऊपर से दबाव होने के कारण वो विधानसभा सत्र बुलाने का निर्देश नहीं दे रहे हैं.

सीएम ने कहा कि जब भैरो सिंह शेखावत की सरकार गिराई जा रही थी, तब मैं पीएम से मिलने गया था और ऐसी बातों को रोकने की अपील की थी. हम सभी विधायक राज्यपाल से मिलेंगे और जल्द सेशन बुलाने की अपील करेंगे. विधानसभा में सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा, सारी बातें देश के सामने आएंगी.

12.50 PM: होटल में अभी कांग्रेस विधायक दल की बैठक चल रही है. इस बीच राजभवन जाने में देरी हो गई है.

12.03 PM: अशोक गहलोत गुट की ओर से राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा गया है. अब से कुछ देर में अशोक गहलोत राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं, जहां विधायकों की परेड कराई जा सकती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से राज्यपाल से सोमवार को विधानसभा सत्र बुलाने की अपील की जा सकती है.

11.45 AM: राजस्थान हाईकोर्ट के द्वारा स्पीकर के नोटिस पर लगाए गए स्टे पर सचिन पायलट गुट का पहला रिएक्शन सामने आया है. पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने ट्वीट कर फैसले की तारीफ की.

 राजस्थान हाईकोर्ट से पायलट गुट को एक बार फिर राहत मिली है. हाईकोर्ट ने विधानसभा स्पीकर के उस नोटिस पर स्टे लगा दिया है, जिसमें बागी विधायकों पर अयोग्य करार होने का खतरा बरकरार था. हालांकि, अभी ये अंतिम फैसला नहीं है.

11.20 AM: हाईकोर्ट में एक बार फिर सुनवाई शुरू हो गई है. सभी पक्ष की ओर से लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ चुके हैं. केंद्र को पक्षकार बनाने वाली याचिका को अदालत ने सही करार दिया है.

11.07 AM: राजस्थान स्पीकर की ओर से याचिका दायर की गई है कि सचिन पायलट गुट ने केंद्र को पक्षकार बनाने की जो अपील की है, वो गलत है. ऐसे में इस अपील को खारिज कर देना चाहिए.

10.46 AM: राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट गुट की याचिका पर सुनवाई शुरू हो गई है. अब केंद्र सरकार भी इसमें पक्षकार है, ऐसे में केंद्रीय कानून मंत्रालय की ओर से कानूनी पक्ष रखा जा रहा है.

10.40 AM: राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट गुट के विधायक पृथ्वीराज मीणा की उस याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसमें केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की बात कही गई थी.

10.07 AM: अब से कुछ देर में राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू होगी. पायलट गुट की याचिका पर हाईकोर्ट को आज अपना फैसला सुनाना है.

09.00 AM: सचिन पायलट गुट की याचिका पर अब से कुछ देर में फैसला सुनाया जाएगा. फैसले पर नजर इसलिए भी हैं क्योंकि पायलट गुट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर केंद्र को पक्षकार बनाने को कहा है, यानी अगर इसे स्वीकारा जाता है तो तुषार मेहता या वेणुगोपाल अदालत में पेश हो सकते हैं. ऐसे में इस मामले के लंबा खिंचने की भी उम्मीद है.

पार्टी में ही बागी रुख अपनाने वाले सचिन पायलट और उनके साथियों ने स्पीकर का नोटिस मिलने के बाद अदालत का रुख किया था. विधायक दल की बैठक में शामिल ना होने पर कांग्रेस ने स्पीकर से शिकायत की, फिर स्पीकर ने नोटिस दिया. इस मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित किया, साथ ही स्पीकर को कोई एक्शन ना लेने को कहा. अब इसी पर आज सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाया जाएगा.

हाईकोर्ट के द्वारा फैसला ना देने को आदेश ने राजस्थान स्पीकर सीपी जोशी ने संविधान का उल्लंघन माना. सीपी जोशी की ओर से दावा किया गया कि जबतक स्पीकर कोई फैसला ना ले, तबतक अदालत उसके कामकाज में दखल नहीं दे सकती है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कई घंटे की सुनवाई के बाद भी हाईकोर्ट की सुनवाई टालने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ एक दिन की बात है, पहले हाईकोर्ट का फैसला आ जाए. इसलिए अब इसपर सोमवार को सुनवाई होगी.

दरअसल, पायलट गुट का दावा है कि वो पार्टी में रहकर ही अपनी आवाज़ उठा रहे हैं और पार्टी की मीटिंग पर व्हिप लागू नहीं होता है. वो सिर्फ विधानसभा के सदन के लिए होता है. जबकि गहलोत गुट का कहना है कि बागियों ने पार्टी के नियमों का उल्लंघन किया, बीजेपी के साथ मिलकर सरकार गिराने की कोशिश की जो दिखाता है कि पार्टी के साथ रहने की उनकी मंशा नहीं है.

एक तरफ हर किसी की नजरें हाईकोर्ट के फैसले पर हैं, तो दूसरी ओर अशोक गहलोत की सरकार जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाने पर विचार कर रही है. सीएम गहलोत ने गुरुवार को कहा कि सत्र जल्द बुलाया जाएगा, उनके पास बहुमत है और सभी विधायक उनके साथ हैं.

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