पंजाब के अमृतसर में दशहरा पर दर्दनाक हादसा हुआ है. अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में रावण दहन देख रहे लोगों को ट्रेन ने कुचल दिया. ट्रैक पर लोग रावण दहन देख रहे थे तभी डीएमयू ट्रेन इन लोगों पर मौत बन कर बरसी. सिर्फ पांच सेकेंड में चारों तरफ मौत का भयानक मंजर पसर गया. हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 61 हो गई है वहीं 70 से ज्यादा लोग घायल हैं.
पुलिश कमिश्नर ने मृतकों और घायलों की संख्या की पुष्टि की है. ट्रेन हादसे में जख्मी हुए लोगों का तरणतारण, जालंधर, गुरदासपुर और अमृतसर में इलाज चल रहा है. इममें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है. लोग रेलवे प्रशासन और सरकार की लापरवाही से गुस्से में इसलिए किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारी संख्या में पुलिसबल तैनात कर दिया गया है
रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने भी हादसे में रेलवे की गलती होने से इनकार किया है. मनोज सिन्हा ने कहा- रावण जलाने के दौरान पटाखों की आवाज आई जिससे लोग ट्रेन की आवाज नहीं सुन पाए और ये दुखद हादसा हुआ. मृतकों के परिवारों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं और हम घायलों के स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं. ये रेलवे की चूक नहीं है, रेलवे को इस कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं थी.
सीएम ने ट्वीट कर जानकारी दी कि वो घायलों से मिलने अस्पताल जाएंगे. उन्होंने लिखा, ”अमृतसर एयरपोर्ट पर जिला प्रशान और आपदा टीम से बचाव कार्य क जानकारी ली. घायलों से मिलने अलग अलग अस्पताल जाऊंगा.”
आखिरकार हादसे के 16 घंटे बाद सीएम अमरिंदर सिंह नजर आए हैं. सीएम अमृतसर पहुंच गए हैं और अधिकारियों के साथ स्थिति जानने के लिए बैठक कर रहे हैं. सीएम के साथ मीटिंग में मंत्री और स्थानीय विधायक नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद हैं. सीएम हादसे वाली जगह का भी दौरा कर सकते हैं, साथ ही जिन दो अस्पतालों में घायल भर्ती हैं वहां भी जाएंगे सीएम. मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए हादसे वाली जगह पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.
डीआरएम विवेक कुमार ने कहा, ”सिगनल ग्रीन था सिग्नल का कोई वायलेशन नहीं है. गाड़ी की मैक्सिमम स्पीड 91 किलोमीटर प्रति घंटा रही होगी और उसके बाद जब ब्रेक लगाया तो स्पीड कम की. ड्राइवर सिग्नल पर निर्भर होकर अपनी निर्धारित गति से चलता है.”
अमृतसर रेल हादसे से रेलवे ने पल्ला झाड़ लिया है. फिरोजपुर डीआरएम विवेक कुमार ने कहा, ”रेलवे की गलती तो मैं इसमें नहीं मानता हूं. बहुत दुखद घटना हुई है मैं इसमें किसी की गलती नहीं कहना चाहता. रावण दहन रेलवे की जमीन पर नहीं हो रहा था और ना ही कोई परमिशन ली गई थी, ना ही कोई जानकारी दी गई थी. जब डीएमयू आई, तो लोगों ने हॉर्न नहीं सुना आवाज नहीं सुनी, इससे पहले एक गेट पड़ता है, 400 मीटर पहले, ट्रैक कर्व है, अंधेरा था दिखाई देता नही है, ड्राइवर ने जैसे ही लोगों को उसने गाड़ी की स्पीड कंट्रोल की ब्रेक लगाया लेकिन ट्रेन को रोकने में वक्त लगता है इस वजह से यह हादसा हो गया.”
हादसे के 15 घंटे के बाद भी मुख्यमंत्री कैप्टन अरिंदर सिंह घटना स्थल पर नहीं पहुंचे हैं. लोगों में इस बात को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है. बता दें कि रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा कल रात ही अमृतसर पहुंच गए थे. वहीं अमेरिका दौरे पर गए रेल मंत्री पीयूष गोयल अपना दौरा बीच में ही रद्द कर भारत वापस आ रहे हैं.
रावण की भूमिका निभाने वाले दलबीर सिंह की भी अमृतसर रेल हादसे में मौत हो गई है. घरवालों के मुताबिक लोगों को बचाने में गई जान. पिछले 10 सालों से रावण की भूमिका निभा रहे थे दलबीर सिंह. दलबीर की मां की सरकार से मांग कि बहू को मिले सरकारी नौकरी.
हादसे के बाद रेलवे ने कुछ ट्रेनों को कैंसिल करने और कुछ का रूट बदलने का फैसला किया है. जिन ट्रेनों को कैंसिल किया गया है उनमें 12460, 12054, 12053, 14506, 14505, 14633, 12412, 12411, 12242, और 12241 शामिल हैं. वहीं जिन ट्रेनों का रूट बदला गया है उनमें 12716, 12926, 15708, 11058 और 22430 शामिल हैं.
नवजोत सिंह सिद्धू घायलों का हालचाल लेने और स्थिति का जायजा लेने के लिए अमृतसर के सिविल अस्पताल पहुंचे.
रेलवे बोर्ड चेयरमैन अश्विनी लोहानी हादसे वाली जगह पर पहुंचे हैं, लोहानी कल रात में ही विशेष ट्रेन से दिल्ली से अमृतसर के लिए रवाना हुए थे.
स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है, कल हादसे के बाद कई लोगों ने मृतकों का शव प्रशासन को देने से इनकार कर दिया और अपने घर ले गए. इंटेलिजेंस एजेंसियों ने आगाह किया है कि ये लोग आज रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन कर सकते हैं. इसी के चलते रेलवे ट्रैक के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. लोगों से संवेदना प्रकट करने पहुंचे कई स्थानीय नेताओं को भी वापस लौटा दिया गया है.
सीएम अमरिंदर सिंह के कल हादसे वाली जगह पर ना जाने पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ने सफाई दी है. रवीन ने ट्वीट किया- मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का कहना है कि वो आज (कल) ही अमृतसर जाना चाहते थे लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें सलाह दी कि इससे राहत बचाव कार्य पर असर पड़ सकता है. कल (आज) सुबह वहां जाएंगे.
थोड़ी देर में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और स्थानीय विधायक और मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू हादसे वाली जगह पर पहुंचेंगे. सिद्धू ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि ये वक्त राजनीति करने का नहीं हैं. सीएम के कल के बजाए आज पहुंचने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं.
कैसे हुआ हादसा?
जौड़ा फाटक इलाके में रावण दहन और पटाखे फूटने के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल की पटरियों की ओर बढ़ने लगे जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. शाम करीब 7 बजे जौड़ा फाटक से डीएमयू ट्रेन गुजरी, ये डीएमयू ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी. ये ट्रेन ट्रैक पर खड़े लोगों को कुचलती चली गई. रावण दहन के वक्त पटाखों की आवाज में ट्रेन के आने का पता नहीं चला और दर्दनाक हादसा हो गया.
कौन है जिम्मेदार?
आपको बता दें कि प्रशासन से रावण दहन की अनुमति नहीं ली गई थी. इसका आयोजन कांग्रेस के पार्षद ने मिट्ठू मदान ने बिना अनुमति के कराया था. यहां कई बड़े नेता मौजूद थे लेकिन दूसरी तरफ छोटे और तंग जगह में नेताओं के आने के बाद भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए थे. दूसरी तरफ बड़ी LED सक्रीन को उस तरफ लगाया गया था जिस तरफ पटरी थी. विपक्ष की तरफ से भी इस बात को उठाया गया है कि जह पार्षद और बड़े नेता वहां मौजूद थे तो प्रशासन की ओर से व्यवस्था का इंतजाम क्यों नहीं किया गया.
मुआवजे का एलान
हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए केंद्र सरकार ने दो लाख जबकि राज्य सराकर ने पांच लाख रुपये का एलान किया गया है. मुआवजे की घोषणा की साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि वह राहत एवं बचाव अभियान का खुद जायाजा लेने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने दुर्घटना में घायल हुए सभी लोगों के लिए मुफ्त इलाज की घोषणा भी की है.
हेल्पलाइन नंबर जारी
अमृतसर ट्रेन दुर्घटना के लिए रेलवे ने दो हेल्पलाइन नंबर जारी की है. 0183-2223171, 0183-2564485 इस नंबर पर आप जानकारी ले सकते हैं. घायलों को गुरुनानक अस्पताल में भर्ती कराया गया है वहीं पंजाब सरकार की ओर से लोगों से रक्तदान करने का निवेदन किया गया है.
राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने जताया शोक
इल घटना के बाद देश भर में शोक की लहर फैल गई. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया है. मोदी ने अधिकारियों को तत्काल सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ”पंजाब के अमृतसर में रेल की पटरी पर हुए हादसे की खबर सुनकर दुखी हूं. मैं समझता हूं कि भारतीय रेलवे और स्थानीय अधिकारी प्रभावित लोगों को मदद पहुंचा रहे होंगे.”
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी हादसे पर शोक जताते हुए कहा कि उन्होंने राज्य सरकार और पार्टी कार्यकर्ताओं से घटनास्थल पर तत्काल सहायता पहुंचाने को कहा है. गांधी ने कहा, “ पंजाब में ट्रेन हादसे में 50 लोगों की मौत स्तब्ध कर देने वाली है. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ है. मैं घायल लोगों के तेजी से ठीक होने की कामना करता हूं.