कैंसर, दमा और डायबिटीज के रोगियों के लिए रामबाण हैं ये वृक्ष,जानिए इसके औषधीय गुण

प्रकृति और मानव का रिश्ता जितना पुराना है उतना पक्का भी। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं और जरूरत भी। पेड़-पौधे हमारे खान-पान से लेकर बीमारियों इत्यादि में सहायक होते हैं। ऑक्सीजन देते हैं और वातावरण शुद्ध करते हैं। इनसे दोस्ती गुणकारी होती है और सेहतमंद भी। बस जरूरत है इसे पहचाकर एक प्रयास करने की। जी हां, कुछ पौधे ऐसे भी होते हैं जो न पर्यावरण के अनुकूल होते हैं न ही मानव के माकूल। इसीलिए अच्छे पौधे पहचानकर खुद और आस-पास के लोगों को लाभ पहुंचाइए। बुधवार से वन महोत्सव सप्ताह की शुरुआत हो रही है। इस दौरान हर रोज कम से कम दो अच्छे पौधों के बारे में जानिए और सेहत के नाम लगाइए। पहले दिन बात नीम और पीपल की।

नीम : नीम को संस्कृत में ‘अरिष्ट’ कहा जाता है। मतलब श्रेष्ठ, पूर्ण और कभी न खत्म होने वाला। सर्व रोग निवारिणी कही जाने वाली नीम के बारे में माना जाता है कि इसके फल, बीच, तेल, पत्ते और जड़ तक में बीमारियों से लड़ने के गुण हैं।

अजादिरचता इंदिका : नीम का वानस्पतिक नाम

150-200 वर्ष जीवनकाल

15-20 मीटर नीम की औसत लंबाई

4000 वर्ष इससे भी अधिक समय से आयुर्वेद में नीम का उपयोग हो रहा है

फायदे

  • नीम डायबिटीज में बेहद फायदेमंद होता है। यह कई तरह कैंसर को भी खत्म करने की क्षमता रखता है
  • नीम के पत्तों का उपयोग खुजली, एक्जिमा, रिंग कीड़े और कुछ हल्के त्वचा रोगों के लिए भी किया जाता है
  • नीम में विटामिन और फैटी एसिड त्वचा की लोच में सुधार करते हैं और झुर्रियों और महीन रेखाओं को कम करते हैं
  • यह बैक्टीरिया को नष्ट करता है, प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करता है और तेजी से चिकित्सा को प्रोत्साहित करता है
  • नीम के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। यह संक्रमण, जलन और त्वचा की किसी भी तरह की समस्याओं पर अच्छा काम करता है
  • नीम की पत्तियां उबालकर उस पानी से बाल धोने से डैंड्रफ दूर होता है। नीम का दातून मसूड़ों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। दांतों में कीड़े नहीं लगते

पीपल

पीपल के पेड़ का बहुत महत्व है। इसे न केवल धर्म संसार से जोड़ा गया है, बल्कि वनस्पति विज्ञान और आयुर्वेद के अनुसार भी पीपल का पेड़ कई तरह से फायदेमंद माना गया है। इसे अक्षय वृक्ष भी कहा जाता है। पीपल कभी भी पत्ताविहीन नहीं होता। इससे पत्ते झड़ते जाते हैं और नए आते रहते हैं।

फिक्स रिलिजिसा : पीपल का वानस्पतिक नाम

150-200 वर्ष जीवनकाल

30 मी. पीपल की औसत लंबाई

2,300 वर्ष श्रीलंका में मौजूद सबसे पुराने पीपल के पेड़ की उम

फायदे

  • पीपल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, इसके पत्तों को नियमित रूप से चबाने पर तनाव में कमी होती है
  • शरीर के किसी हिस्से में घाव हो जाने पर पीपल के पत्तों का गर्म लेप लगाने से घाव सूखने में मदद मिलती है
  • पीपल के पत्तों का प्रयोग कब्ज या गैस की समस्या में दवा के तौर पर किया जाता है। इसे पित नाशक भी माना जाता है
  • त्वचा पर होने वाली समस्याओं जैसे दाद, खाज, खुजली में पीपल के पत्तों को खाने या इसका काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है
  • नकसीर फूटने की समस्या होने पर पीपल के ताजे पत्तों को तोड़कर उसकर रस निकालकर नाक में डालने से बहुत फायदा होता है
  • पीपल के पके हुए फलों को सुखाकर बनाए गए चूर्ण को शहद के साथ सेवन करने से हकलाने की समस्या से निजात में मदद होती है
  • सांस संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या में पीपल का पेड़ बहुत फायदेमंद होता है। दमा के रोगियों के लिए यह आयु बढ़ाने वाला होता है

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