केरल के सबरीमला में स्थित भगवान अयप्पा मंदिर को मकरविलक्कू तीर्थयात्रा के लिए शनिवार की शाम खोला गया। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। मंदिर के मुख्य पुजारी पीएन महेश नंबूदरी ने तंत्री (प्रधान पुजारी) कंडारारू महेश मोहनारारू की उपस्थिति में मंदिर के गर्भगृह को खोला। 41 दिन की मंडला पूजा के बाद 27 दिसंबर को मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे।
मंदिर का प्रबंधन करने वाली शीर्ष संस्था त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने कहा कि 15 जनवरी से मकरविलक्कू उत्सव शुरू होगा। उससे पहले 13 और 14 जनवरी को ‘प्रसाद शुद्ध क्रिया’ और ‘बिंबा शुद्ध क्रिया’ समेत विभिन्न अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे।
मकरविलक्कू के दिन श्रद्धालुओं को सन्निधानम (मंदिर परिसर) में ‘तिरूवभरणम’ (पवित्र आभूषण) का स्वागत और भगवान अयप्पा की मूर्ति को सजाते हुए ‘दीप आराधना’ देखने का मौका मिलेगा। मकरविलक्कू दर्शन के बाद तीर्थयात्रियों के लिए मंदिर 20 जनवरी तक खुला रहेगा।
मुस्लिम-ईसाई सबरीमाला भक्तों का कर रहे शोषण
श्री राम सेना श्री राम सेना के अध्यक्ष प्रमोद मुथालिक ने कहा कि मुस्लिम और ईसाई सबरीमाला मंदिर के भक्तों का शोषण कर रहे हैं। दक्षिण भारत में भगवान अय्यप्पा का मंदिर तिरूपति वेंकटेश्वर के समान ही प्रसिद्ध है।
सबरीमाला मंदिर में छह राज्यों से करीब पांच करोड़ श्रद्धालु आते हैं। मुथालिक ने कहा कि राज्य में नास्तिकों की सरकार है। कर्नाटक सरकार को केरल सरकार से बातचीत करनी चाहिए और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं सुनिश्चित करनी चाहिए। हजारों करोड़ रुपये के राजस्व का उपयोग भक्तों के कल्याण और उनकी सुविधा के लिए किया जाना चाहिए।