एयर इंडिया एक्सप्रेस ने रविवार को कहा कि कोझिकोड में हुए विमान हादसे की जांच में समय लगेगा। विमान के ब्लैक बॉक्स को आगे की जांच के लिए दिल्ली लाया गया है। केरल पुलिस ने भी हादसे की जांच के लिए एसआइटी गठित की है। वहीं, हादसे में मारे गए लोगों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
एयरलाइन ने कहा कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो (एएआइबी) ने फ्लाइट सेफ्टी विभाग के अधिकारियों के साथ हादसे की जांच शुरू कर दी है। एयरलाइन ने कहा कि जांच पूरी होने में थोड़ा वक्त लगेगा। वहीं, दुर्घटनाग्रस्त विमान के ब्लैक बॉक्स को आगे की जांच के लिए दिल्ली में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की लैब में लाया गया है। डीजीसीए के महानिदेशक अनिल कुमार ने रविवार को कहा कि ब्लैक बॉक्स से जल्द ही ट्रांसक्रिप्ट को निकाला जाएगा।
अनिल कुमार ने बताया कि ट्रांसक्रिप्ट मिलने के बाद विमान निर्माता कंपनी बोइंग से भी संपर्क किया जाएगा। कंपनी से विमान के मूल उपकरण और खामियों की जांच करने के लिए कहा जाएगा। डीजीसीए महानिदेशक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। पायलटों के संगठन ने भी जांच में मदद की पेशकश की है।
शव परिजनों को सौंपे गए
एयरलाइन ने बताया कि हादसे में मारे गए लोगों के शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। पायलट कैप्टन दीपक साठे के शव को भी उनके परिजनों को सौंपा गया है। साठे के शव को विशेष विमान से मुंबई भेजा गया है, जहां सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। शुक्रवार को हुए हादसे में विमान के दोनों पायलट समेत 18 लोगों की मौत हो गई थी। दुबई से आए विमान में कुल 190 लोग सवार थे।
30 सदस्यीय होगी एसआइटी
मलप्पुरम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जी. साबू 30 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआइटी) का नेतृत्व करेंगे। पुलिस ने बताया कि एयरक्राफ्ट एक्ट और आइपीसी की विभिन्न धाराओं में एक केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के एक जवान के आधार पर केस दर्ज किया है।
14 यात्रियों की हालत गंभीर
मलप्पुरम के डीएम के. गोपालकृष्णन ने बताया कि हादसे में घायल 14 यात्रियों की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने बताया कि कोझिकोड व मलप्पुरम के विभिन्न अस्पतालों से अब तक 49 लोगों को छुट्टी दे दी गई है। 109 यात्रियों का इलाज चल रहा है।
हादसे के कई कारण गिनाए
कर्नाटक के मेंगलुरु में 2010 में हुए विमान हादसे की जांच करने वाले एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) भूषण गोखले ने कहा कि कोझिकोड हादसे की कई वजहें हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि हादसे के वक्त वहां भारी बारिश हो रही थी, रनवे पर पानी भर गया था, ऐसी स्थिति में लैंडिंग में बहुत खरता होता है। उन्होंने कहा कि रनवे पर तीन मिलीमीटर से ज्यादा पानी नहीं होना चाहिए, क्योंकि लैंडिंग के समय विमान के चक्के ब्रेक के चलते लॉक होते हैं, जो सतह के संपर्क में आने के बाद खुलते हैं। ऐसे में अगर रनवे पर पानी भरा रहता है तो ब्रेक नहीं लगता या जाम हो जाता है और विमान के गलत दिशा में जाने का खतरा बना रहता है।