केरल के मुन्नार में भारी बारिश के बाद भूस्खलन हुआ है. इस हादसे में टाटा ग्लोबल बेवरेजेज (टीजीबी) की सहयोगी कंपनी कन्नन देवान हिल्स प्लांटेशन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (केडीएचपी) के 80 से अधिक चाय बागान कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य आज सुबह से ही लापता हैं. इनकी तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

राजमलाई में नेम्मक्कड़ एस्टेट के पेटीमुडी डिवीजन में 20 परिवारों के घर पर एक बड़ी पहाड़ी गिर गई. परिवार के सदस्य कीचड़ और मलबे के नीचे फंसे हुए हैं. एनडीआरएफ समेत राज्य सरकार के बचाव दल दुर्घटनास्थल तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. भारी और भूस्खलन के कारण रेस्क्यू टीम को पहुंचने में दिक्कत हो रही है.
अब तक सात शव बरामद किए गए हैं और 10 लोगों को बचाया गया है. पिछले चार दिनों से मुन्नार पहाड़ी क्षेत्र में भारी बारिश हो रही है. केडीएचपी के प्रबंध निदेशक और सीईओ के मैथ्यू अब्राहम से संपर्क नहीं किया जा सका. सूत्रों ने बताया कि इस क्षेत्र में दो दिनों से बिजली की आपूर्ति नहीं है.
केरल के मुख्यमंत्री ने वायुसेना से हेलिकॉप्टर की मांग की है, ताकि रेक्स्यू ऑपरेशन को चलाया जा सके. इसके साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए 50 लोगों की टीम को मौके पर भेजा गया है, जो भूस्खलन जैसे आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्य करने में प्रशिक्षित हैं.
केएचडीपी के करीब 12,500 कर्मचारी हैं. 2005 में टाटा ने अपने कर्मचारियों को एक कर्मचारी बायआउट (ईबीओ) विकल्प के रूप में बागान को केएचडीपी को सौंप दिया था. टाटा ग्लोबल बेवरेजेज अभी भी केएचडीपी में लगभग 29 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है और कन्नन देवन चाय ब्रांड की भी मालिक है.
2005 में तत्कालीन टाटा टी ने कंपनी का प्रबंधन करने वाले श्रमिकों का समर्थन करने के लिए केएचडीपी में मामूली 19 प्रतिशत की हिस्सेदारी बरकरार रखी थी. टाटा अंजनाड और कानन देवन हिल्स में अभी भी 58,000 एकड़ जमीन की मालिक है और इसे केएचडीपी को 30 साल की लीज पर दे दिया है.
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