सरकार ने गुरुवार को 1.26 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात और असम में तीन सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। इसके लिए तीन कंपनियों को चुना गया है। जिसमें से एक टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड है। इसके अलावा दूसरा प्लान्ट टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाया जाएगा। आइये इनके बारे में जानते हैं।
बीते कुछ समय से सरकार देश में सेमीकंडक्टर के मैन्युफैक्चरिंग को लेकर लगातार काम कर रहा है। इसके लिए सरकार ने कई बड़े फैसले भी किए है। इसी सिलसिले को जारी रखते हुए सरकार ने गुरुवार को 1.26 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात और असम में तीन सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी।
100 दिनों में शुरू हो जाएगा काम
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्तावों को मंजूरी दिए जाने के बाद दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सभी तीन इकाइयों का निर्माण अगले 100 दिनों के भीतर शुरू हो जाएगा।
इसके लिए तीन कंपनियों को चुना गया है। जिसमें से एक टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड है। यह ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प (पीएसएमसी) के साथ साझेदारी में एक सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करेगी। इस यूनिट का निर्माण गुजरात के धोलेरा में किया जाएगा। यह प्लांट 91,000 करोड़ रुपये का निवेश का उपयोग करेगा।
असम और गुजरात में लगेंगे प्लान्ट
इसके अलावा दूसरा प्लान्ट टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाया जाएगा। इसमें 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित की जाएगी।
केन्द्रीय मंत्री वैष्णव ने यह भी बताया कि सीजी पावर जापान की रेनेसा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन और थाईलैंड की स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के साथ साझेदारी में गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगी। इस यूनिट में 7,600 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है।
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