केदारनाथ में विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए डीएम मंगेश घिल्डियाल ने पुनर्निर्माण कार्य कर रही निजी कंपनी के कर्मचारियों को नीचे लाने के आदेश दे दिए है. 21, 22 और 23 जनवरी को 3 दिनों तक हुई भारी बर्फबारी के बाद केदारपुरी बर्फीला रेगिस्तान बन चुका है. जान लेने वाली बर्फिली हवाओं के बीच केदारनाथ में रहना मुश्किल हो रहा है. बिजली के लाइन ध्वस्त हो चुकी हैं, कई जगह पोल गिर गए हैं. पेयजल की व्यवस्था भी ठप हो गई है और तापमान माइनस 15 तक पहुंच गया है.
मुश्किल परिस्थितियों में केदारनाथ में इस समय पुलिस के 5 जवान और 2 कर्मचारी जीएमवीएन के मौजूद हैं, जबकि वुडस्टोन कंपनी के करीब 40 कर्मचारी अभी वहां रुके हुए हैं, जिन्हें नीचे लाने के प्रयास किये जा रहे है. डीएम मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि केदारनाथ में फिलहाल सभी सुरक्षित है, लेकिन आगे भी बर्फबारी की संभावनाओं को देखते हुए सभी को नीचे सुरक्षित लाने की कोशिश की जा रही है. वुडस्टोन कंपनी ने फिलहाल अपने कर्मचारियों के साथ केदारनाथ में ही रुकने का फैसला किया है.
खतरनाक होती जा रही है स्थिति
केदारनाथ में वर्तमान में 9 फीट से ज्यादा बर्फ गिर चुकी है. उस समय निम की भारी-भरकम कर्मचारियों की टीम केदारनाथ में पुनर्निर्माण की टीम थी और फरबरी, मार्च और अप्रैल माह में भी बर्फबारी हुई थी, जबकि इस समय जनवरी में ही 9 फीट से ज्यादा बर्फ गिर चुकी है. 30 जनवरी से प्रदेश में एक बार फिर बर्फबारी की चेतावनी जारी की है, जो अगले 48 घंटो तक बरकरार रहेगी.
केदारनाथ में 9 बार हो चुकी हैं बर्फबारी
केदारनाथ में हालात बेहद चुनौतीपूर्ण बने हुए है. हालांकि, इससे पहले भी निम ने ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थिति से डटकर मुकाबला किया है. लेकिन, इस बार केदारनाथ में बर्फबारी 9 बार हो चुकी है. केदारनाथ में इस समय तापमान माइनस 15 डिग्री तक पहुंच गया है और पुनर्निर्माण के सभी काम बंद हो चुके हैं. निम के पूर्व प्राचार्य रिटायर कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि एवलॉन्च कब आएगा और कैसे इससे सुरक्षित रहना है ये सब ही निम की ट्रैनिंग में सिखाया जाता है, जो 20 लोगों की टीम केदारनाथ से पैदल नीचे आई है, उसमें निम के प्रशिक्षित ट्रेनर है और पूरी तैयारी के साथ नीचे रवाना हुए है.