केजीएमयू में करोड़ों की विशेष लैब बनी है। मगर, रीएजेंट (अभिकर्मक) का संकट है। ऐसे में केंद्र सरकार के निर्देश के बावजूद शुक्रवार से कोरोना वायरस की जांच शुरू नहीं हो सकी। दरअसल, केजीएमयू के पास बीएसल-थ्री लैब है। यह वर्ष 2011 में बनाई गई थी। इसमें खतरनाक वायरस की जांच मुमकिन है। ऐसे में केंद्र सरकार ने यूपी में केजीएमयू को कोरोना वायरस जांच के लिए सेंटर नामित किया। मगर, लैब में रीएजेंट नहीं हैं। ऐसे में संदिग्ध मरीज का सैंपल लेने के बावजूद जांच मुमकिन हो सकी। उसका सैंपल जांच के लिए पुणो भेजना पड़ा।
मंगल-बुध तक शुरू हो सकेगी जांच : विभागाध्यक्ष डॉ. अमिता जैन के मुताबिक लैब के लिए रीएजेंट मंगवाया गया है। इसके बाद ट्रायल होगा। मंगलवार या बुधवार को जांच की सुविधा शुरू हो जाएगी।
पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश के मुताबिक, कोरोना वायरस मरीजों का रेस्परेटरी ट्रैक चपेट में ले रहा है। शुरुआत में जुखाम, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत व बुखार जैसे लक्षण होते हैं। इसके बाद फेफड़ों में सीवियर निमोनिया हो जाता है। मरीज को वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ जाती है। वायरस की चपेट में आए मरीजों की किडनी व सेप्टीसिया आदि की दिक्कतें भी हो रही हैं।
बचाव के लिए रहें सतर्क
- विदेश की यात्र से आए लोगों से हाथ न मिलाएं
- यात्र से आने पर हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं
- भीड़भाड़ में नाक व मुंह को कवर करके रखे’बीमार लोगों से कम से कम तीन फिट की दूरी रखें
- मरीज को छुए नहीं,उनका रूमाल-तौलिया न इस्तेमाल करें’नॉन वेज
- सी-फूड खाने से बचें