खनौरी बॉर्डर पर पिछले 54 दिनों से मरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का संघर्ष आखिरकार रंग लाया है। एमएसपी की कानूनी गारंटी, कर्जमाफी सहित 16 प्रमुख मांगों पर फरवरी 2024 से केंद्र और किसानों के बीच बना डेडलॉक खत्म हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट के दखल का असर यह हुआ है कि केंद्र की टीम शनिवार को खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के पास उनकी मांगों पर बातचीत के लिए प्रोपोजल लेकर पहुंची। शनिवार को खनौरी बॉर्डर पर पांच घंटे तक चली बैठकों का दौर निर्णायक रहा। वहीं किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी रहेगा। हालांकि वह मेडिकल असिस्टेंस लेने के लिए तैयार हो गए हैं
केंद्र सरकार के नुमाइंदे के तौर पर खनौरी बॉर्डर पहुंचे ज्वाइंट सेक्रेटरी प्रिया रंजन ने शाम 5:15 बजे से 7:30 बजे तक किसान आगु काका सिंह कोटड़ा, सरवण सिंह पंधेर, अभिमन्यु कुहाड़ और अन्य नेताओं के साथ बातचीत की। इस बातचीत के बाद किसान आगु ने अलग से शाम 7:30 से देर रात 10 बजे तक केंद्र सरकार की टीम द्वारा लाए गए प्रोपोजल पर विचार विर्मश किया। इसके बाद खनौरी बॉर्डर के उस मंच से जहां किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल बीते 54 दिनों से स्टेज पर बने एक आईसीयू नुमा कमरे में मरण अनशन कर रहे है वहां से केंद्र टीम का नेतृत्व कर रहे जॉइंट सेक्रेटरी प्रिया रंजन ने 14 फरवरी को चंडीगढ़ में केंद्र के साथ किसानों की बैठक को लेकर आधिकारिक रूप से घोषणा की। ज्वाइंट सेक्रेटरी के साथ पंजाब पुलिस के पूर्व एडीजीपी जसकरण सिंह , पूर्व डीआईजी नरिंदर भार्गव, डीआईजी पटियाला मनदीप सिद्धू, एसएसपी पटियाला नानक सिंह समेत 13 अधिकारियों की टीम खनौरी प्रोपोजल लेकर पहुंची थी।
शंभू बॉर्डर से 21 जनवरी का दिल्ली कूच स्थगित
चंडीगढ़ में 14 फरवरी को किसने और केंद्र के बीच बातचीत का दौर दोबारा शुरू होने के संदेश से अब शंभू बॉर्डर से 21 जनवरी को 101 किसानों के जत्थे के दिल्ली कूच का फैसला भी रद्द कर दिया गया है। 14 फरवरी की बैठक से पहले अब किसान जत्थेबंदियों द्वारा कोई बड़ा कदम नहीं उठाए जाने को लेकर भी केंद्र की टीम को सहमति जताई गई है। खनौरी बॉर्डर पर मरण अनशन कर रहे 121 किसानों के जत्थे का मरण अनशन समाप्त होगा या नहीं इस पर आज फैसला लिया जाएगा।
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