New Delhi: केंद्र सरकार ने देशभर में जीएसटी लागू कर दिया है। सरकार का कहना है कि जीएसीटी लागू होने के बाद अगर कोई दुकानदार पुराने तरीके से बिल बनाता है तो उसे टैक्स का डिफरेंस देना होगा। यानी खुद की लापरवागी के लिए आपको अपनी ही जेब खाली करनी पड़ेगी।अभी अभी: बीजेपी का बड़ा ऐलान, 24 घंटे के अन्दर यूपी में वरुण गांधी को मिलेगी सीएम की जिम्मेदारी
दरअसल, कई दुकानदार ऐसे हैं जिन्होंने जीएसटी लागू होने के बाद सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं कराया है। ऐसे में व्यापारी पुराना बिल बनाकर दे रहे हैं। लेकिन सरकार का कहना है कि अगर दुकानदार ऐसा करते हैं तो उन्हें टैक्स का डिफरेंस देना होगा। इसके अलावा सरकार का कहना है कि साथ ही दुकानदारों को ए, बी, सी और डी कैटिगरी में बांटा जाएगा।सुप्रीम कोर्ट का बड़ा सवाल? उचित कारण हो तो पुराने नोट वापस क्यों नहीं जमा करा सकते…
जीएसटी काउंसिल के एक सीनियर अफसर ने इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि अगर कोई दुकानदार पुराने तरीके से बिल बनाता है और उस बिल पर अगर टैक्स अधिक लगा है तो इसका भुगतान ग्राहक को नहीं बल्कि दुकानदार को ही करना होगा। क्योंकि ये लापरवाही दुकानदार के तरफ से होगी ना कि ग्राहक की तरफ से।उन्होंने आगे कहा कि 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद से जो दुकानदार पुरानी बिल बुक से बिल काट रहे हैं वह गलत है। ऐसा करने वाले दुकानदार जब रिटर्न दाखिल करेंगे तो इसमें इसका पता लग जाएगा। मार्केट में सॉफ्टवेयर उपलब्ध है। कुछ दुकानदार जानबूझकर इसे अपडेट नहीं करा रहे हैं या फिर इसमें लापरवाही बरत रहे हैं।अधिकारी ने आगे बताया कि व्यापारियों को चार कैटेरिगी ए,बीसी, और डी कैटेगिरी में रखा जाएगा। जो दुकानदार अपना टैक्स वक्त रहते जमा करेगा उसे ए कैटेगिरी में रखा जाएगा यानी उसे अच्छी रैंकिंग दी जाएगी। दुकानदारों के लिए ये बेहद फायदेमंद होगी। कोई भी डिलर आपकी रैंकिंग के आधार पर आपसे डील कर सकता है।