केंद्र सरकार खुद ही संविधान को कमजोर करने और देश को बांटने में लगी: माकपा नेता वृंदा करात

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच माकपा नेता वृंदा करात ने इस कानून को भेदभाव और बांटने वाला करार दिया है।

मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने पूछा कि सीएए में रोहिंग्या और अहमदिया मुसलमानों को शामिल क्यों नहीं किया गया, जबकि धार्मिक आधार पर उनका भी उत्पीड़न हो रहा है।

वृंदा ने कहा, अगर सरकार को पड़ोसी देशों में लोगों पर हो रहे अत्याचारों की इतनी ही चिंता है तो रोहिंग्या और अहमदिया को भी नए कानून में जगह देनी चाहिए थी।
क्योंकि ये लोग भी अपने देश में अल्पसंख्यक हैं और उन्हें प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। नया नागरिकता कानून बांटने वाला और भेदभावपूर्ण है।

भारत के लिए यह दुखद है कि बाहरी ताकतों के स्थान पर केंद्र सरकार खुद ही संविधान को कमजोर करने और देश को बांटने में लगी है। माकपा नेता ने आरएसएस पर भी हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि 1950 में जब पूरे देश ने बाबा साहब आंबेडकर के नेतृत्व में बने संविधान का स्वागत किया था, तब केवल संघ उसका विरोध कर रहा था।

जम्मू-कश्मीर में सोशल मीडिया यूजर्स पर मुकदमा दर्ज किए जाने के मामले में माकपा ने केंद्र की तीखी आलोचना की। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘सरकार एक तरफ जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने का दावा कर रही है, दूसरी तरफ सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर लोगों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कर रही है। जबकि इंटरनेट का इस्तेमाल लोगों का बुनियादी अधिकार है। सरकार को अपनी सोच पर शर्म आनी चाहिए।’

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com