केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को अफसोस जताया कि राष्ट्रीय राजमार्गो के किनारे पौधारोपण का काम अच्छे से नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जहां तक पेड़-पौधे लगाए जाने का संबंध है, एक भी राजमार्ग को दुरुस्त नहीं ठहराया जा सकता।
आइआइटी तिरुपति द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि आखिर कोई सड़क निर्माण का विशेषज्ञ, पेड़-पौधों का भी विशेषज्ञ कैसे हो सकता है? गडकरी ने कहा, ‘पांडे महोदय यहां हैं। वह मुझे कोई ऐसा राजमार्ग नहीं दिखा सकते जहां अच्छे से पेड़-पौधे लगे हों। यह पूरी तरह से लापरवाही है।’ हालांकि यह तुरंत पता नहीं चल सका कि केंद्रीय मंत्री किस अधिकारी की बात कर रहे थे।
गडकरी को स्पष्ट रूप से अपनी बातें रखने के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा, ‘पहले से ही अनुबंध में पौधारोपण का प्रविधान है। मुझे विश्वास है कि एक मंत्री के रूप में जो भी मैंने देखा है, एक भी सड़क ऐसी नहीं है, जहां कहा जाए कि उसके आसपास पेड़-पौधे अच्छे से लगाए गए हैं।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारियों से हरित राजमार्ग नीति को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गो के किनारे पेड़ लगाने के लिए इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘यह हरित राजमार्गो के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। यह देश की पारिस्थितिकी और पर्यावरण के लिए आवश्यक है।’ गडकरी ने पिछले साल अगस्त में राष्ट्रीय राजमार्गो पर पौधारोपण की निगरानी के लिए एक मोबाइल एप ‘हरित पथ’ जारी किया था।
एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे गडकरी ने कहा कि नौकरशाही व्यवस्था नई प्रणालियों को स्वीकार नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा, हमें विचारों, नवाचार और अनुसंधान की आवश्यकता है। साथ ही कहा कि लोगों को कोलतार आयात करने की अनुमति देकर सरकार सड़क निर्माण की लागत कम कर सकती है।
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