केंद्रीय आम बजट में महिला उद्यमिता व स्टार्टअप की बढ़ गई संभावना

केंद्रीय आम बजट में आधारभूत ढांचागत विकास, उद्यमिता को बढ़ावा और स्टार्टअप करने वाले उद्यमी आयकर की जांच दायरे से बाहर रखने जैसे प्रावधानों से राज्य में महिला उद्यमिता व स्टार्टअप की संभावना बढ़ गई है। इसका उद्योग जगत ने स्वागत किया है।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के पदाधिकारियों ने ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में आयोजित लाइव बजट कार्यक्रम में प्रतिभाग किया और बड़ी स्क्रीन पर बजट का अवलोकन करने के बाद प्रतिक्रिया दी। कहा कि बजट से न केवल उत्तराखंड में औद्योगिक क्षेत्र मजबूत होगा, बल्कि प्रतिवर्ष 50 हजार नई नौकरियों के सृजित होने की संभावना बलवती हुई है।

कहा कि बजट में औद्योगिक विकास के अलावा किसानों की आय बढ़ाने, आधारभूत ढांचा विकास, ग्रामीण व शहरी विकास, महिला व युवा सशक्तीकरण को बढ़ावा देना, वित्त व बैंकिंग क्षेत्र में सुधार, नई तकनीकों को अपनाना आदि लक्ष्य विकास के अहम होंगे। एमएसएमई क्षेत्र जो भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है उसे बजट में विशेष तौर पर स्थान दिया गया है और बजट में इसके लिए विशेष प्रावधान भी किए गए हैं।

सीआइआइ ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी कि उन्होंने एमएसएमई ट्रेडर्स को देरी से होने वाली पेमेंट का समाधान निकालने के लिए ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफार्म उपलब्ध करवाने का इस बजट में प्रावधान किया है। साथ ही आयकर छूट की सीमा को पांच लाख तक रखने के निर्णय का भी सीआइआइ स्वागत किया।

सीआइआइ लंबे समय से कॉर्पोरेट टैक्स की सीमाक्षा करने की वकालत कर रहा था। वित्त मंत्री ने देश की 400 करोड़ तक की टर्नओवर वाली सभी कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स को 25 फीसद तक सीमित रखना उत्तराखंड में उद्योगों को बढ़ावा देने वाला निर्णय है। इस मौके पर सीआरआइ के स्टेट हेड सुमनप्रीत सिंह के अलावा सदस्य सुयश अग्रवाल,शेलेंद्र शर्मा, वनदीप रात्रा, विपुल डाबर आदि मौजूद रहे।

श्रम कानूनों के सरलीकरण को बढ़े कदम- 

आम बजट का इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने स्वागत किया है और आशा व्यक्त की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के पदाधिकारियों ने मोहब्बेवाला स्थित विंडलास बायोटेक कंपनी में बजट का लाइव प्रसारण देखा और फिर उद्योग जगत को मिलने वाले दूरगामी लाभ पर चर्चा की।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा कि वित्तमंत्री के अभिभाषण में 44 श्रम कानूनों को सम्मलित कर चार श्रम कोड बनने की पहल अपने आप में एक सराहनीय कदम है। इससे अकेले उत्तराखंड के करीब एक लाख श्रमिकों को लाभ मिलेगा। इससे संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को दूरगामी लाभ मिलेगा। बताया कि बजट में जीएसटी के सरलीकरण से भी उद्यमियों को लाभ मिलेगा।

कहा कि कौशल विकास के क्षेत्र में बजट में किए गए प्रावधानों का लाभ उत्तराखंड के नागरिकों को लेना चाहिए। उत्तराखंड जैसे छोटे और विषम भौगोलिक स्थिति वाले राज्य में कौशल विकास महत्वपूर्ण कार्य है। इससे महिलाएं एवं युवा अपना कुटीर उद्योग घर गांव में शुरू कर सकता है।

इस मौके पर उद्योगपति अशोक विंडलास, काशी खंडूजा, एससी मित्तल, हिरेशा वर्मा, अनिल गुप्ता, अरविंद मित्तल, मोहन वर्मा, अशोक शर्मा, गुलशन खंडूजा आदि ने प्रतिभाग किया।

एमएसएमई में केवल दीर्घावधि योजना को प्रोत्साहन- 

उत्तराखंड इंडस्ट्रीयल वेलफेयर एसोसिएशन ने आम बजट पर मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त की। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल मारवाह ने कहा कि बजट में एमएसएमइ सेक्टर के लिए योजनाएं प्रोत्साहित करने वाली हैं लेकिन सभी योजनाएं दीर्घावधि की हैं, लघुअवधि अथवा तुरंत राहत देने वाली कोई योजना नहीं है।

उन्होंने कहाकि कौशल विकास पर केंद्रित प्रशिक्षण योजनाएं में घरेलू उद्योगों को अंतरराष्ट्रीय उद्योगों को अनुरूप विकसित करने की योजना स्वागत योग्य है। साथ ही महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने से उत्तराखंड में अधिक महिलाएं उद्यमिता की ओर रुख करेगी। केंद्रीय बजट में इसका प्रावधान राज्य के लिए लाभ कारी है। उधर, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश भाटिया ने आम बजट पर मिली-जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की।

कहा कि एमएसएमई सेक्टर के लिए विशेष पैकेज की आशा थी, लेकिन बजट में इसका कोई प्रावधान नहीं किया गया। स्टार्टअप में विशेष छूट व 11 श्रम कानूनों की जगह चार श्रम कोड स्वागत योग्य कदम है। उद्योगों को इनसे मिलेगा लाभ -एविएशन, इंश्योरेंस, एनिमेशन और मीडिया में विदेशी निवेश के लिए एफडीआइ को मंजूरी से उद्योग विस्तार होगा।

 

इन प्रावधान पर जताई असहमति- 

-डीजल एवं पेट्रोल के दाम बढ़ने से महंगाई बढ़ेगी। उद्योग का आयात-निर्यात महंगा हो जाएगा।

-उत्तराखंड के औद्योगिक विकास के लिए कोई विशेष छूट नहीं दी गई है। -राज्य में औद्योगिक विकास के लिए कोई आधारभूत अथवा बुनियादी ढांचागत के बारे में किसी परियोजना का जिक्र नहीं है।

-देश और प्रदेश के स्वास्थ्य उद्योग के क्षेत्र में कोई उल्लेखनीय बदलाव नहीं। -उत्तराखंड एवं हिमाचल में औद्योगिक विकास के लिए रेल कॉरिडोर कनेक्टिविटी का प्रावधान नहीं किया गया है।

छोटे व्यापारियों को पेंशन की व्यवस्था स्वागत योग्य-  

सीआइआइ, उत्तराखंड चेप्टर के चेयरमैन मुकेश गोयल के मुताबिक, आम बजट में हर वर्ग को विकास से जोड़ने के भरपूर प्रयास किए गए हैं। बजट में विशेषकर मध्यम एवं लघु उद्योगों के पेमेंट के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म की व्यवस्था एवं छोटे व्यापारियों को पेंशन की व्यवस्था स्वागत योग्य कदम है।

एमएसएमई सेक्टर को निराशा-

उत्तराखंड इंडस्ट्रीयल वेलफेयर एसोएिशन के अध्यक्ष अनिल मारवाह के अनुसार, बजट में कई नये प्रावधान किए गए हैं जो देश के बुनियादी ढांचागत विकास के लिए अहम हैं। वहीं, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में एमएसएमई सेक्टर के उद्योगों के विशेष पैकेज नहीं दिया गया। इसकी आशा की जा रही थी। उत्तराखंड में 65 हजार से अधिक एमएसएमइ उद्योग हैं।

बाजार में खुलेंगी संभावनाएं- 

इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए गांव, गरीबी व किसान पर फोकस कर 100 नये क्लस्टर की स्थापना, नये उद्यमिता को न केवल प्रोत्साहित करेगी बल्कि उनके माल के लिए बाजार की अपार संभावनाएं खुलेगी।

घरेलू निवेश पर नहीं दिया गया ध्यान- 

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश भाटिया के अनुसार,  बजट किसानों पर फोकस है। जीडीपी बढ़ाने के लिए विदेशी निवेश पर जोर दिया गया है, जबकि घरेलू निवेश को कैसे बढ़ाया जाएगा। इस पर अधिक ध्यान नहीं दिया गया है। स्वास्थ्य उद्योग पर भी कोई प्रावधान नहीं किया गया।

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