लॉकडाउन के कारण सुनसान हुई सड़कों पर अब जंगली जानवरों की आवाजाही लगातार बनी हुई है। वहीं बीते एक सप्ताह में सुल्तानपुर पट्टी क्षेत्र में जंगली जानवर चीतल के आने की यह तीसरी घटना सामने आई है। पहली घटना में एक मादा चीतल कुत्तों के झुंड का शिकार हो गई थी जिसने उपचार के दौरान अपना दम तोड़ दिया था।
वहीं आज फिर नर चीतल पर कुत्तों के झुंड ने हमला बोल दिया जिसमें वह घायल हो गया लेकिन समय रहते पशु चिकित्सकों ने उसका उपचार कर उसको नवजीवन प्रदान किया। बता दें कि लॉकडाउन के कारण सड़कों का खालीपन तथा गर्मी के कारण जंगली जानवरों अब तेजी से नगरों की ओर रूख करने लगे हैं। लोगों का कहना है कि बाजपुर के आस पास के इलाकों में अब चीतल, हिरन व अन्य जंगली जानवरों की आवाजाही अब आसानी से देखी जा सकती है लेकिन इन जंगली जानवरों को अब इंसानों से नहीं बल्कि नगर व ग्रामीण इलाकों में रहने वाले आवारा कुत्तों से है।
पिछले एक सप्ताह में सुल्तानपुर पट्टी में दो तथा नगर बाजपुर में एक मामला सामने आ चुका है जिसमें चीतल आबादी की तरफ पहुंचा लेकिन उसको कुत्तों के झुंड ने हमला कर घायल कर दिया। इन हमलों में एक चीतल की मौत भी हो चुकी है। मंगलवार को आज फिर एक चीतल ग्राम पिपलिया पहुंचा गया जहां पर कुत्तों ने उसको निशाना बना घायल कर दिया लोगों ने उसको बचाकर पशु चिकित्सकों को सूचित किया जिसके बाद पशु चिकित्सक डा0 विजय कुमार ने घायल चीतल का उपचार कर उसको दुरूस्त कर वन विभाग के सुपुर्द कर दिया।