जनवरी 2019 में संगम की रेती पर लगने वाले कुंभ मेले में दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को अपने नाते-रिश्तेदारों व परिचितों का हाल खबर लेने में दिक्कत नहीं आएगी। क्योंकि अभी तक यह समस्या आती थी कि सैकड़ों, हजारों किमी का सफर कर संगम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के मोबाइल फोन की बैटरी डाउन हो जाती थी। इससे उनका संबंध घरवालों या रिश्तेदारों से टूट जाता था। मेले में खोने का भी खतरा बना रहता था। वह मोबाइल चार्ज करने के लिए इधर-उधर भटकते थे। इसे ध्यान में रखते हुए बिजली विभाग ने इस बार कुंभ मेले में जगह-जगह मोबाइल चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था कर रखी है।
100 मॉडल सबस्टेशन बनेंगे :
कुंभ की ब्रांडिंग देश-विदेश में की जा रही है। ऐसे में मेले की तैयारियां भी उसी लिहाज से की जा रही हैं। विद्युत विभाग भी गंदे और ट्रांसफार्मर से तेल गिरते उपकेंद्रों की धारणा को तोड़ते हुए मेले में 100 मॉडल सबस्टेशन बनाएगा। काली रोड पर एक मॉडल सबस्टेशन बनकर तैयार भी हो गया है।
173 अस्थायी उपकेंद्र की व्यवस्था :
विद्युत विभाग कुंभ मेले में बिजली की सप्लाई के लिए छोटे-बड़े मिलाकर कुल 173 अस्थायी उपकेंद्र बनाएगा। इसमें 54 सबस्टेशन दो गुणे 400 केवीए, 20 उपकेंद्र एक गुणे 400, 10 उपकेंद्र एक गुणे 250 और 89 उपकेंद्र एक गुणे 100 केवीए के बनाए जाएंगे। इन उपकेंद्रों में 100 मॉडल उपकेंद्र बनाए जाएंगे। उपकेंद्रों में मेला क्षेत्र के समीप के तीन स्थायी सबस्टेशनों 11 केवी फोर्ट रोड, दारागंज और बैरहना से बिजली की आपूर्ति की जाएगी।
अस्थायी उपकेंद्रों में दो ट्रांसफार्मर लगेंगे :
प्रत्येक अस्थायी उपकेंद्रों में दो ट्रांसफार्मर लगेंगे, जो स्वत: लोड बदल लेंगे। सभी उपकेंद्रों को 60 बड़े जेनरेटर से जोड़े जाएंगे, ताकि आपूर्ति बाधित होने पर मेला क्षेत्र की सप्लाई बहाल कर दी जाए। मेले में कुल 31 एमबीए प्रतिदिन अधिकतम बिजली खपत की उम्मीद है। हालांकि, बैकअप के लिए 61.6 एमबीए के ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे।
करंट की संभावना नहीं रहेगी :
करंट की संभावना को खत्म करने के लिए स्नान घाटों के समीप करीब आठ फीट की दूरी तक प्लास्टिक इंसुलेटेड पोल और मेला क्षेत्र में सिल्वर पेंटेड पोल लगाए जाएंगे।